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Lata Mangeshkar Passes Away : अलविदा दीदी : स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन, शोक में डूबा देश

Arun Mishra
6 Feb 2022 5:30 AM GMT
Lata Mangeshkar Passes Away : अलविदा दीदी : स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन, शोक में डूबा देश
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92 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने अंतिम सांस ली है.

Lata Mangeshkar Passes Away : स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज निधन हो गया पूरा देश इस दुखद खबर के साथ ही शोक में डूब गया है. देश के लिए आज एक अपूरणीय छति है. सबकी चहेती और भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है. 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने अंतिम सांस ली है.लता मंगेशकर के निधन की खबर से मनोरंजन जगत में सन्नाटा पसर गया है. लता मंगेशकर को हुआ था कोरोना लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं.

8 जनवरी को उन्हें कोरोना संक्रमित होने के बाद लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लता को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ था. लता दीदी की उम्र को देखते हुए डॉक्टर्स ने उन्हें आईसीयू में एडमिट किया था. तब से वह लगातार संघर्ष ही कर रही थीं. इलाज के दौरान बस 2 दिन के लिए उन्हें वेंटिलेटर से हटाया गया था. फिर जैसे ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी फिर से लता को वेंटिलेटर सपोर्ट पर लाया गया था.

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जन्मीं लता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी थीं. उनका पहला नाम 'हेमा' था, मगर जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था. लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी थीं. मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे थे. उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे और वह एक मशहूर नाम थे.

लता मंगेशकर जब सात साल की थीं, तब वह महाराष्ट्र आईं. उन्होंने पांच साल की उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय शुरू कर दिया था. लता बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं. लता के पिता को शास्त्रीय संगीत बेहद पसंद था. इसीलिए वह लता के फिल्मों में गाने के खिलाफ थे. 1942 में उनके पिता का देहांत हो गया. इसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और परिवार चलाने के लिए लता ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभानी शुरू कीं.

लता मंगेशकर को पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे. इसे वह अपनी पहली कमाई मानती हैं. लता ने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' के लिए गाना गाया. लता मंगेशकर का पूरा जीवन अपने परिवार के लिए समर्पित रहा. घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी उन पर थी, ऐसे में जब शादी का ख्याल आता भी तो वह उस पर अमल नहीं कर सकती थीं. लता मंगेशकर को 2001 में सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था.

लता दीदी के निधन की खबर सुन लगा शॉक सोशल मीडिया पर लता मंगेशकर के निधन की खबर सुन फैंस और सेलेब्स शॉक्ड हैं. सभी सिंगर की आत्मा को शांति मिलने की दुआ कर रहे हैं. फैंस की आंखें नम हैं. आज हर भारतीय की आंखों में आंसू है. लता मंगेशकर की सुरीली आवाज उनके चाहनेवालों के कानों में गूंज रही है. अब ये आवाज हमेशा के लिए मौन हो गई है.

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