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अक्षय कुमार के साथ PM नरेन्द्र मोदी का इंटरव्यू LIVE : पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर हुई चर्चा
नई दिल्ली : अभिनेता अक्षय कुमार ने मंगलवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बुधवार को ''निष्पक्ष और पूरी तरह से गैर राजनीतिक'' बातचीत की. प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस बातचीत में अक्षय कुमार ने पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की. पीएम मोदी ने इस बातचीत में अपने परिवार, खान-पान और हंसी-मजाक जुड़े किस्से भी साझा किए.
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हमेशा मैं पूरे माहौल को आधे मिनट में हल्का कर देता था। आज भी मजा आता है। अब क्या हो गया है कि हर चीज के अलग अर्थ निकाले जाते हैं। आधा-अधूरा वाक्य निकालकर उछाल दिया जाता है। अब डर लगता है। इरादा वह नहीं होता है, लेकिन दुरुपयोग हो जाता है। टीआरपी वाले यह ज्यादा करते हैं। दोस्तों के साथ ह्यूमर चलता है। मेरे जो जूनियर अफसर हैं दोस्ताना रहता हूं। उनको चुटकुले सुनाता हूं। पॉलिटिकल पार्टियों में अच्छे दोस्ते हैं। पहले की बात है तब मैं सीएम नहीं था। किसी काम से संसद गया था। गुलाम और मैं दोस्ताना अंदाज में गप्पे मार रहे थे। मीडिया ने पूछा कि आप लोग साथ कैसे, आप आरएसएस वाले हो.. गुलाम नबीं से दोस्ती कैसे। नबी ने अच्छा जवाब दिया। बाहर आप जैसा सोचते हैं, ऐसा नहीं है। फैमिली के रूप में सभी दल जैसे जुड़े हैं, बाहर कल्पना नहीं करोगे: PM मोदी
मैं मीटिंग कर रहा हूं और कोई मोबाइल फोन में समय खराब कर रहा है तो मैं उनसा पूछता हूं कि मैं जो विचार कह रहा था, क्या हुआ। उनका ध्यान नहीं था कि मैं फोन में ट्विटर देख रहा था। तब से मेरी मीटिंग में मोबाइल फोन लेकर नहीं जा सकते: PM मोदी
लंबे वक्त तक झूठ बोलकर आपक इंप्रेस नहीं कर सकते। सब देखते हैं कि बात ऐसी करते हैं, रहते ऐसे हैं। आप जैसे हैं वैसे रहो और उनसे काम कराइए। काम के वक्त काम में रहता हूं, इधर-उधर की बातों में समय नहीं खराब करता हूं।
सवाल: पीएम बनने के बाद आपका ह्यूमर वैसे ही है? क्योंकि आपकी छवि काफी सख्त व्यक्ति के तौर पर है। आपके साथ में जो काम करते हैं, उनसे सुना है कि यार बड़ा काम करवाते हैं, ऐसा लगता है कि आपके हाथ में कोई छड़ी है। यह छवि सही नहीं है, कोई यह कहे कि काम बहुत करवाते हैं, वे सही अनैलसिस नहीं कर पा रहे। कोई यह कहे कि काम बहुत करना पड़ता है, उसमें सच्चाई है लेकिन मैं किसी पर दबाव नहीं बनाता। लेकिन जब वे खुद मुझे देखते हैं, पहले जैसे पीएम ऑफिस से 6-7 बजे निकल जाते थे, दोपहर में एक-दो घंटे ऑफिस में नहीं रहते थे। मैं सुबह जाता हूं, देर रात तक ऑफिस में रहता हूं, वे देखते हैं कि ये खुद मेहनत करता है। तो उनको लगता है कि हमसे मजदूरी नहीं कराता, खुद भी करता है। टीम का स्पिरिट बनता है, वर्क कल्चर डिवेलप होता है। मैं खुद काम करता हूं इससे डिवेलप होता है।
ममता दीदी साल में आज भी मेरे लिए एक-दो कुर्ते भेजती है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जी साल में 3-4 बार खास तौर पर ढाका से मिठाई भेजती हैं। ममता दीदी को पता चला तो वो भी साल में एक-दो बार मिठाई जरूर भेज देती हैं: अक्षय से बोले पीएम मोदी
मन करता है तो कभी मां को बुला लिया, उनके साथ कुछ दिन बिताए। फिर मां कहती है कि मेरे पीछे समय क्यों बर्बाद करते हो, मैं यहां क्या करूं, गांव में लोग आते हैं, बाते करते हैं। मैं भी समय नहीं दे पाता: PM मोदी
इतना बड़ा आपका घर है। आपका मन करता है आपके मां-भाई आपके साथ घर पर रहें? अगर मैं पीएम बनकर घर से निकलता तो शायद मन करता लेकिन मैंने बहुत छोटी आयु में घर से निकला था, उसके बाद जिंदगी डिटैच हो गई। मेरी ट्रेनिंग उस तरह से हुई है। एक अवस्था में छोड़ा तो मुश्किल होती है। जिस वक्त घर छोड़ा था उस वक्त तकलीफ हुई होगी लेकिन अब जिंदगी वैसी बन गई।
आप परिवार के साथ क्यों नहीं रहते? अक्षय कुमार के इस सवाल पर देखिए पीएम मोदी ने क्या जवाब दिया
पहले अकेला कागज लेकर बैठता था और सारी घटना का वर्णन करता था, फिर फाड़कर फेंक देता था। मन शांत नहीं होता था तो फिर लिखता था। दो-चार लिखने के बाद समझ आ जाता था कि मैं ही गलत था। अब तो इतना समय नहीं मिलता।
मैं अपनी टीम बनाता जाता हूं तो मेरे स्ट्रेस और प्रेशर बंटते चले जाते हैं। गुस्सा आता है लेकिन व्यक्त करने से बचता हूं: PM मोदी
इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा, फिर प्रधानमंत्री रहा लेकिन चपरासी से लेकर प्रिंसिपल सेक्रटरी तक मुझे गुस्सा व्यक्त करने का मौका नहीं आया। मैं स्ट्रिक्ट हूं लेकिन किसी को नीचा दिखाकर या अपमानित नहीं करता।
जब अक्षय कुमार ने पूछा कि क्या आपने प्रधानमंत्री बनने के बारे में सोचा था? तो देखिए क्या बोले पीएम मोदी...
अक्षय का सवालः मैंने अपने ड्राइवर की बेटी से पूछा कि मोदी से कोई सवाल पूछना चाहोगी। उसने कमाल का सवाल पूछा। हमारे प्रधानमंत्री आम खाते हैं? खाते हैं तो काट के खाते हैं या फिर गुठली के साथ खाते हैं? मोदी का जवाबः आम मैं खाता हूं और मुझे यह बहुत पसंद है और गुजरात में आमरस की परंपरा भी है। जब मैं छोटा था कभी खेतों में चले जाता था। देश का किसान बड़ा उदार रहता है। खेत में आकर खाता है तो रोकता नहीं है। चोरी करता है तो रोकता है। पेड़ पर पके आम खाना मुझे पसंद था। प्राकृतिक रूप से पके हुए खाना। पूरा का पूरा खाना.. तब तो हाईजीनिक का कोई हल्ला नहीं था। जब बड़े हुए तो तो आमरस और कई किस्म के आम खाने की आदत हुई। अब लेकिन कंट्रोल करना पड़ता है। सोचना पड़ता है कि इतने खाऊं की नहीं।
गुस्सा इंसान के स्वभाव का हिस्सा लेकिन 18-22 की उम्र के दौरान जो ट्रेनिंग हुई उसमें यह बताया गया है कि ईश्वर ने स्वभाव में सबकुछ दिया, आपको तय करना है कि अच्छी चीजों को बल देते हुए कैसे बढ़ना है: PM मोदी
फिल्म ऐक्टर अक्षय कुमार से गैर-राजनीतिक बातचीत में पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया, 'बचपन मे फौज में जाने का मन करता था।'