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चिराग पासवान के साथ चाचा ने ही कर दिया 'खेल', पांच सांसदों ने छोड़ा साथ!
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में बड़ी फूट की खबर सामने आ रही है। बिहार चुनाव के बाद से ही पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। इस बीच पार्टी के 6 सांसदों में से 5 सांसदों ने चिराग पासवान (Chirag Paswan) के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक, इन सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सदन में अलग गुट के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया है। उनके इस कदम के बाद एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं। वहीं, इस बड़े सियासी घटनाक्रम का नेतृत्व कोई और नहीं बल्कि चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस कर रहे हैं।
पांच सांसद चिराग पासवान से नाराज हैं और उनकी तरफ से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक चिट्ठी भी लिखी गई है. मांग की गई है कि अब उन्हें अलग मान्यता दी जाए. खबर है कि वे पांचों सांसद जेडीयू ज्वॉइन कर सकते हैं.
एलजेपी में पड़ गई बड़ी फूट जिन पांच सांसदो ने राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के खिलाफ बगावत की है वो हैं- पासुपति पारस पासवान (चाचा),प्रिंस राज (चचेरे भाई), चंदन सिंह, वीणा देवी, और महबूब अली केशर. बताया गया है कि ये सभी सांसद बिहार विधानसभा चुनाव के समय से चिराग़ पासवान से नाराज़ चल रहे थे. ऐसे में एलजेपी में इस फूट की अटकलें तो पहले से लगाई जा रही थीं, इंतजार तो बस उस वक्त का था जब ये सांसद ये बड़ा कदम उठाते और चिराग पासवान को फिर बीच राजनीतिक मझधार में छोड़ देते. अब वो कदम उठा लिया गया है और एलजेपी के सामने बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया है.
वैसे भी बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने जब बीजेपी-जेडीयू से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तभी से सीएम नीतीश कुमार और उनके पार्टी के लोग चिराग से नाराज चल रहे थे. चुनाव के नतीजों ने भी साफ कर दिया कि चिराग की पार्टी की वजह से ही कई जगहों पर जेडीयू की सीटें कम पड़ गई. अब इतना सब कुछ होने के बाद अगर एलजेपी के पांच सांसदों ने जेडीयू ज्वाइन कर ली, तो ये चिराग के लिए बड़ी किरकिरी साबित होगी.
अभी खबर ये है कि पांचों सांसदों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं और चिराग से काफी ज्यादा खफा हैं. सूत्र बताते हैं कि इन पांच सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मांग की है कि उन्हें एलजेपी से अलग मान्यता दी जाए. अब अगर ये सच है तो मतलब ये पांच सांसद अब अलग राजनीतिक दिशा में आगे बढ़ने जा रहे हैं और उनका अब अगला हर कदम चिराग के लिए बिहार की राजनीति में मुश्किल खड़ी करने वाला होगा.