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टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने बनाया ये खास 'प्लान'
नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में सक्रिय रेगिस्तानी टिड्डी दलों के हमले से निपटने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा की जा रही कार्रवाई की कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समीक्षा की. तोमर ने कहा कि सरकार इस समस्या को पूरी गंभीरता से ले रही है. राज्यों को एडवायजरी जारी की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि लंबे पेड़ों, दुर्गम क्षेत्रों में प्रभावी नियंत्रण हेतु कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा. केंद्र सरकार स्प्रे के लिए हेलीकाप्टरों की सेवाएं लेने की भी तैयारी कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ब्रिटेन से अतिरिक्त स्प्रेयर 15 दिनों में आना शुरू हो जाएंगे. इनका आर्डर पहले ही दिया जा चुका है. इसके अलावा 45 और स्प्रेयर भी अगले एक-डेढ़ महीने में खरीद लिए जाएंगे.
केंद्रीय मंत्री के अनुसार क्षेत्रवार 11 नियंत्रण कक्ष स्थापित कर विशेष दलों की तैनाती करते हुए उनके साथ अतिरिक्त कर्मचारी भी लगाए गए हैं. सभी स्थानों पर किसानों की मदद से नियंत्रण दल तत्परता से कार्रवाई में जुटे हुए हैं.
गुरुवार को कृषि मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दोनों राज्य मंत्रियों तथा सचिव के साथ बैठक कर स्थिति की विस्तृत समीक्षा की. तोमर ने बताया कि जरूरत पड़ने पर संबंधित राज्यों को संसाधनों के अलावा वित्तीय सहायता भी दी जा रही है. सभी जागरूक किसानों तथा राज्य शासन एवं जिला प्रशासन के साथ मिलकर इस समस्या से निपटा जा रहा है. अब तक मध्यप्रदेश के मंदसौर, नीमच, उज्जैन, रतलाम, देवास, आगर मालवा, छतरपुर, सतना व ग्वालियर, राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, अजमेर, पाली, बीकानेर, भीलवाडा, सिरोही, जालोर, उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़, दौसा, चुरू, सीकर, झालावाड़, जयपुर, करौली एवं हनुमानगढ़, गुजरात के बनासकांठा और कच्छ, उत्तरप्रदेश में झाँसी और पंजाब के फाजिल्का जिले में 334 स्थानों पर 50,468 हेक्टेयर क्षेत्र में हॉपर और गुलाबी झुंडों को नियंत्रित किया गया है. वर्तमान में राजस्थान के दौसा, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बीकानेर, म.प्र. के मुरैना और उ.प्र. के झांसी में अपरिपक्व गुलाबी टिड्डियों के झुंड सक्रिय हैं.
टिड्डी नियंत्रण कार्यालयों में 21 माइक्रोनैर और 26 उलवमास्ट (47 स्प्रे उपकरण) हैं, जिनका उपयोग टिड्डी नियंत्रण के लिए किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त 60 स्प्रेयर के लिए आपूर्ति आदेश दिया गया है, जिनकी आपूर्ति यूके स्थित कंपनी द्वारा की जाएगी. जून में दो बार में 35 और जुलाई में 25 की आपूर्ति हो जाएगी. लंबे पेड़ों व दुर्गम क्षेत्रों में प्रभावी नियंत्रण हेतु ड्रोन से कीटनाशकों के छिड़काव हेतु ई-टेंडर आमंत्रित किया गया है, जल्द ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित ड्रोन का उपयोग किया जाएगा. इसी प्रकार 55 वाहनों की खरीद के आदेश दे दिए गए है. स्प्रे के लिए हेलीकाप्टरों की सेवाएं लेने की भी तैयारी है.
राजस्थान सरकार के अनुरोध पर 800 ट्रैक्टर स्प्रे उपकरणों की खरीद के लिए कृषि यांत्रिकीकरण सहायता पर उप-मिशन के तहत 2.86 करोड़ रूपए की मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई है. राजस्थान राज्य सरकार द्वारा आरकेवीवाई (60:40) के तहत वाहनों, ट्रैक्टरों और कीटनाशकों की खरीद के लिए 14 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है. गुजरात राज्य सरकार द्वारा आरकेवीवाई (60:40) के तहत वाहनों की खरीद, स्प्रे उपकरणों, प्रशिक्षण और टिड्डी नियंत्रण के संबंध में विस्तार के लिए 1.80 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का प्रस्ताव केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किया जा चुका है. सर्वेक्षण और नियंत्रण कार्यों में कर्मचारी जुटे हुए हैं. पौध संरक्षण निदेशालय के अलावा, विभिन्न स्थानों से संगरोध और भंडारण विभाग ने 80 अतिरिक्त तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती की है. नियंत्रण कक्ष सभी एलसीओ और एलडब्ल्यूओ में स्थापित किया गया है और 11 नियंत्रण कक्ष कार्यात्मक हैं.