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Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में VVPAT पर्चियां गिनकर निकलेगा रिजल्ट? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
Supreme Court on VVPAT Slips: देश में चुनावी माहौल बना हुआ है। सोमवार को चुनावी माहौल के बीच SC ने अहम मामले की सुनवाई की है। दरअसल, SC ने VVPAT पर्चियों की पूरी गिनती की मांग की गई थी। मामले में कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र से जवाब मांगा है। अब इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 17 मई को हो सकती है। गौरतलब है कि वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से वर्तमान परिस्थितियों में किसी भी पांच चयनित EVM का सत्यापन किया जाता है। बता दें, VVPATएक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है जो मतदाता को यह जानने या देखने का मौका देता है कि उसके वोट सही रूप से डाला गया है या नहीं।
SC ने जारी किया नोटिस
वकील और कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर एक याचिका पर SC ने नोटिस जारी किया है। VVPATपेपर पर्चियों के माध्यम से याचिकाकर्ता ने केवल 5 रैंडम रूप से चयनित ईवीएम के सत्यापन के मौजूदा चलन के विपरीत चुनावों में वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की मांग की है। SC में दायर याचिका में चुनाव आयोग के दिशानिर्देश को चुनौती दी गई है जिसमें बताया गया है कि VVPAT सत्यापन क्रमिक रूप से किया जाएगा यानी एक के बाद एक, और कहा गया कि इससे अनुचित देरी होती है।
याचिका में क्या गया है
याचिका में कहा गया है कि चुनान न सिर्फ निष्पक्ष होना चाहिए बल्कि इसके साथ निष्पक्ष दिखना भी चाहिए। क्योंकि सूचना के अधिकार को भारत के संविधान के आर्टिकल 19(1) (A)और 21 के संदर्भ में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हिस्सा माना गया है। आर्टिकल 19 और 21 के तहत मतदाता को सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत चुनाव आयोग (2013) में इस माननीय न्यायालय के निर्देशों के उद्देश्य और उद्देश्य के मुताबिक अपने द्वारा डाले गए वोट औरVVPAT के पेपर वोट द्वारा गिने गए वोट को सत्यापित करने का अधिकार है।
ECI को निर्देश देने की मांग
याचिका में चुनाव आयोग को सभी VVPAT पेपर पर्चियों की गिनती करके VVPAT के जरिए मतदाता द्वारा 'डाले गए वोटों के रूप में दर्ज' किए गए वोटों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-चेक करने के लिए ECI को निर्देश देने की मांग की गई है। चुनाव आयोग कोयाचिका मेंयह निर्देश देने की भी मांग की गई हैकि मतदाता को VVPAT से निकली VVPAT पर्ची को मतपेटी में डालने की अनुमति दी जाए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मतदाता का वोट 'रिकॉर्ड के रूप में गिना गया है।