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Lok Sabha Election 2024: छठे चरण में यूपी की 14 सीटों पर 162 उम्मीदवार, इस सीट पर बीजेपी और सपा के बीच साख बचाने की लड़ाई

Special Coverage Desk Editor
21 May 2024 9:57 AM IST
Lok Sabha Election 2024: छठे चरण में यूपी की 14 सीटों पर 162 उम्मीदवार, इस सीट पर बीजेपी और सपा के बीच साख बचाने की लड़ाई
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Lok Sabha Election 2024 Six Phase: लोकसभा चुनाव के छठे चरण में यूपी की 14 सीटों के लिए मतदान होगा. इस चरण में आजमगढ़ लोकसभा सीट के लिए भी वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर बीजेपी और सपा के बीच साख बचाने की लड़ाई है.

Lok Sabha Election 2024 Six Phase: लोकसभा चुनाव 2024 के अब सिर्फ दो चरण बाकी बचे हैं. छठे चरण के लिए 25 मई यानी शनिवार को मतदान होगी. इस चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की कुल 58 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा. इस चरण में कुल 889 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. जबकि छठे चरण में उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. जिनके लिए 162 उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं. छठे चरण में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, धर्मेंद्र यादव, जगदंबिका पाल, लालजी वर्मा, कृपाशंकर सिंह, दिनेश लाल यादव निरहुआ, और भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी जैसे दिग्गजों की किस्मत का फैसला होगा.

आजमगढ़ में बीजेपी-सपा के बीच साख की लड़ाई

इस चरण में जिन 14 सीटों पर चुनाव हो रहा है. उनमें से नौ सीटों पर 2019 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. जबकि बसपा ने चार और समाजवादी पार्टी ने सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की थी. लेकिन मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई आजमगढ़ सीट पर 2022 में हुए उपचुनाव में सपा को मुंह की खानी पड़ी और इस सीज पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया था. इस सीट से बीजेपी ने उपचुनाव में दिनेश लाल निरहुआ को अपना उम्मीदवार बनाया था, जबकि समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा था. इस सीट पर दिनेश लाल निरहुआ ने जीत हासिल की थी. इस बार भी बीजेपी ने दिनेश लाल निरहुआ और सपा ने धर्मेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसलिए ये सीट दोनों पार्टियों के लिए खास की बात हो गई हैं.

डुमर‍ियागंज लोकसभा सीट

वहीं डुमर‍ियागंज लोकसभा सीट से जगदंबिका पाल पांचवीं बार चुनावी मैदान में हैं. उन्हें एक दिन का मुख्यमंत्री भी कहा जाता है. जगदंबिका पाल साल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. जबकि इसके बाद दो बार लगातार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बन चुके हैं. बीजेपी एक बार फिर से उन्हें इसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. यहां उनका मुकाबला पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे और संतकबीर नगर से दो बार सांसद रहे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी से है. कुशल तिवारी इंडिया गठबंधन की ओर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि बसपा ने इस सीट पर नदीम मिर्जा को प्रत्याशी बनाकर मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण को रोकने की कोशिश की है.

भदोही लोकसभा सीट

वहीं भदोही लोकसभा सीट भी बीजेपी और सपा के लिए नाम की बात हो गई है. इस सीट पर बीजेपी ने डा. विनोद बिंद को टिकट दिया है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने ये सीट गठबंधन में टीएमसी को दी है. जहां से उसने पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी को चुनावी मैदान में उतारा है. ललितेशपति विधायक रहे हैं और पहली बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं बसपा ने सुरियावां क्षेत्र से चार बार जिला पंचायत सदस्य रहे हरिशंकर चौहान को भदोही लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. इस सीट पर डा. विनोद बिंद और ललितेशपति के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है.

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