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पहले ही प्रयास में IAS बनीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की छोटी बेटी, बताया कैसे क्रैक किया UPSC

Arun Mishra
5 Jan 2021 3:23 AM GMT
पहले ही प्रयास में IAS बनीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की छोटी बेटी, बताया कैसे क्रैक किया UPSC
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ओम बिरला की दो बेटियां हैं, बड़ी बेटी आकांक्षा सीए हैं और अब छोटी बेटी अंजलि का सिविल सर्विसेज में चयन हो गया है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की छोटी बेटी अंजलि बिरला का सिविल सर्विसेज में चयन हो गया है. बेटी की इस कामयाबी से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. ओम बिरला की दो बेटियां हैं, बड़ी बेटी आकांक्षा सीए हैं और अब छोटी बेटी अंजलि का सिविल सर्विसेज में चयन हो गया है.

कैसे किया क्रेक

सिविल सर्विसेज में चयन होने से अंजलि भी बेहद खुश हैं इस मौके पर उन्होंने कहा कि दसवीं क्लास में उनके अच्छे नंबर आए थे. लेकिन उन्होंने साइंस लेने के बजाए आर्ट्स ली थी. जिससे हर किसी को हैरानी हुई थी. कॉलेज आने के बाद ही उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सोचा था. कोटा के सोफिया स्कूल से आर्ट्स में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस (ऑनर्स) में डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने एक साल दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की.


अंजलि ने बताया कि उन्होंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे परीक्षा की तैयारी की. परीक्षा के लिए उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन्स विषय चुने थे. परिवार में राजनीतिक माहौल होने के बाद भी प्रशासनिक सेवाओं के क्षेत्र में जाने के सवाल पर अंजलि ने कहा कि पिता राजनीतिज्ञ हैं और मां चिकित्सक हैं. परिवार के सभी अन्य सदस्य भी किसी न किसी रूप में सामाजिक सेवा के क्षेत्र से जुड़े हैं. वो भी अपनी मेहनत से स्वयं के पैरों पर खड़ा होकर एक अलग दृष्टिकोण से परिवार से अलग एक नए क्षेत्र में समाज की सेवा करना चाहती थीं. इसी कारण उन्होंने यूपीएससी परीक्षाओं की ओर रुख किया.

पहले ही प्रयास में सफलता मिलने का श्रेय अंजलि ने अपनी बड़ी बहन आकांक्षा बिरला को देते हुए कहा कि उन्होंने मुझे पढ़ाया और हर समय मोटिवेट किया वो हर वक्त मेरे साथ रहती थीं. सिविल परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की रणनीति बनाने में पूरा योगदान दिया और लगातार उनका हौसला बढ़ाती रहीं.

अंजलि ने कहा कि वो किसी भी विभाग से जुड़कर सेवा देने को तैयार हैं, लेकिन महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलने पर उन्हें ज्यादा खुशी मिलेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोटा में अभिभावक आमतौर पर बच्चों को बायोलॉजी या मैथ्स लेने के लिए ही प्रेरित करते हैं, जबकि इन दोनों विषयों के इतर भी बहुत बड़ी दुनिया है. उनका प्रयास रहेगा कि यहां भी न सिर्फ युवाओं बल्कि उनके अभिभावकों को भी अन्य विषयों का चयन कर एक नई दुनिया की खोज करने को प्रेरित कर सकें.


वहीं अंजलि की मां अमिता बिरला भी बेटी की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि वो बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थीं. मुझे पूरी उम्मीद थी कि वो जरूर अपना नाम रोशन करेगी. वो हर काम के लिए कड़ी मेहनत करती है. आज बेटी की मेहनत रंग लाई है. हर मां का सपना होता है कि उनकी बेटी कामयाबी के शिखर तक पहुंचे.

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