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Mahadev App: महादेव एप का प्रमोटर चंद्राकर दुबई में नजरबंद, ED के अनुरोध पर यूएई के अधिकारियों ने की कार्रवाई
Mahadev App: महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर पर भारतीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के कहने पर संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई की है। दुबई में उसकी लोकेशन खोज निकाली। इसके बाद उसे नजरबंद कर दिया है। उसके घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सौरभ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी है। इससे पहले ऐप के एक अन्य प्रमोटर रवि उप्पल को दुबई में हिरासत में लिया जा चुका है। अब दो सप्ताह बाद फिर बड़ा एक्शन हुआ है।
इस बीच, ईडी ने दुबई में चंद्राकर और उप्पल की 100 करोड़ रुपये की संपत्तियों की पहचान की है और उनकी कुर्की के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ईडी दोनों आरोपियों को जल्द भारत लाएगी। इसके लिए प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू दी गई है। दोनों करीब दो साल से दुबई में रह रहे हैं। आरोपी सौरभ ने दुबई में शादी की थी। जिसमें बॉलीवुड की कई हस्तियों ने शिरकत की थी।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, दुबई के अधिकारियों ने इंटरपोल के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद चंद्राकर और उप्पल की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया। सूत्रों का कहना है कि गेमिंग व्यवसाय के जरिए पूरी कमाई दुबई के माध्यम से कई देशों में भेज दी गई है। ईडी ने दुबई में लगभग 100 करोड़ रुपये की संपत्तियों की पहचान की है। चूंकि ये संपत्तियां अपराध की आय हैं, इसलिए एजेंसी कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई करेगी।
क्या है Mahadev App और विवाद?
दरअसल, महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप पर क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस सहित कई खेलों पर सट्टा लगाया जाता है। इसमें ऐप पोकर और वर्चुअल स्पोर्टिंग गेम्स सहित कार्ड गेम पर भी सट्टेबाजी की सुविधा मिलती है। ऐप का संचालन विभिन्न प्रकार के मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए किया जाता है। कथित तौर पर इन समूहों ने प्रति दिन लगभग 24 मिलियन डॉलर कमाए हैं। ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर हैं। उप्पल और चंद्राकर भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई के रहने वाले हैं लेकिन वे फिलहाल दुबई में रहते हैं।
इस प्रकरण की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। एजेंसी को शक है कि महादेव समूह के प्रमोटरों ने श्रीलंका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया और कुछ अन्य देशों में भी संपत्तियां खरीदी हैं। इससे पहले, ईडी ने आरोप लगाया था कि वे महादेव समूह के सदस्यों में से एक के दावे की जांच कर रहे थे, जिसने कहा था कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को रिश्वत दी थी।