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तेल की बढ़ी कीमतों से केंद्र सरकार ने जुटाए 4 लाख करोड़ रुपये, बेहतर है इसे राज्यों में बांट दिया जाए : ममता बनर्जी

Special Coverage Desk Editor
9 Nov 2021 5:54 PM IST
तेल की बढ़ी कीमतों से केंद्र सरकार ने जुटाए 4 लाख करोड़ रुपये, बेहतर है इसे राज्यों में बांट दिया जाए : ममता बनर्जी
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि हाल के दिनों में तेल और रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमतों से होने वाली आय राज्यों के बीच बांट देना चाहिए।

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने हाल के दिनों में ईंधन की कीमतों में वृद्धि ( Fuel Price Hike) से 4 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं,। उन्होंने मांग की है कि यह पैसा राज्यों के बीच समान रूप से वितरित किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की है।

ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा सत्र के दौरान केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल को बढ़ी हुई कीमतों पर बेचने से केंद्र सरकार ने लगभग 4 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। अब वे (भाजपा) चाहते हैं कि राज्य सरकारें वैट कम करें। अगर राज्य ऐसा करते हैं तो उन्हें अपना पैसा कहां से मिलेगा? केंद्र को चाहिए कि वह 4 लाख करोड़ रुपये राज्यों के बीच समान रूप से वितरित करें। सीएम ने आगे कहा कि उनका राज्य वित्तीय बाधाओं के बावजूद कई तरह की सब्सिडी प्रदान कर रहा है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर चुनवी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगते हुए कहा कि "जब भी चुनाव नजदीक होते हैं, वे (केंद्र) कीमतें नीचे लाते हैं। चुनाव खत्म हो जाने पर, वे इसे फिर से बढ़ाते हैं। तेल की कीमतों पर हमें भाषण देने वालों को पहले जवाब देना चाहिए कि राज्य सरकार को अपना पैसा कहां से मिलेगा।" गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई ( West Bengal BJP Unit) ने तेल पर वैट कम नहीं करने पर आंदोलन करने की धमकी दी है।

बनर्जी ने केंद्र सरकार पर राज्यों के बीच कोरोना टीकों (Covid Vaccine) के वितरण के दौरान बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को दिए गए टीकों की तुलना में हमें दिए गए टीकों की संख्या बहुत कम थी। हमने सुनिश्चित किया है कि टीके की एक भी खुराक बर्बाद न हो।"

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