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Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला, 10 फीसदी रिजर्वेशन पर शिंदे सरकार ने लगाई मुहर
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Maratha Reservation: मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इसके मुताबिक मराठा समुदाय को राज्य में दस फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र से पहले मंगलवार सुबह एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। इसमें पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दी गयी। रिपोर्ट में मराठा समुदाय को दस फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। मराठा आरक्षण बिल कुछ ही देर में विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। हाल ही में महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा आयोग के मुख्य न्यायाधीश शुक्रे ने मराठा समुदाय की सामाजिक और वित्तीय स्थिति पर आयोग की सर्वेक्षण रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी।
पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि मराठा समुदाय पिछड़ा हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसी असाधारण परिस्थितियाँ भी हैं जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की आवश्यकता होती है। राज्य में 28 फीसदी लोग मराठा समुदाय से है। मराठा शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि राज्य में अभी मौजूदा लगभग 52 प्रतिशत आरक्षण में बड़ी संख्या में जातियाँ और समूह शामिल है। राज्य की बड़ी आबादी पहले से ही आरक्षित श्रेणी का हिस्सा हैं। ऐसे मराठा समुदाय, जो राज्य में 28 प्रतिशत है, को अन्य पिछड़ा वर्ग में रखना असामान्य होगा।
विशेष सत्र में अंतिम मुहर
मराठा समुदाय की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए आज (20 फरवरी) विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। मनोज जरांगे की मांग है कि कुनबी मराठों के रक्त संबंधियों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने को लेकर मसौदा अधिसूचना को कानून में बदलने के लिए विशेष सत्र बुलाया जाए। मालूम हो कि पिछले एक साल में चार बार मनोज जरांगे मराठा समुदाय को ओबीसी समूह के तहत आरक्षण दिलवाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर चुके हैं।
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