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नई दिल्ली: देशभर में ओबीसी वर्ग की जातीय आधारित जनगणना लेकर बहस जारी है.वही बिहार सरकार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार केंद्र सरकार के सामने ओबीसी वर्ग की जनगणना को लेकर मांग उठा रहे है.वही बिहार के सीएम नितीश कुमार भी ओबीसी वर्ग की जातिगत जनगणना का समर्थन कर चुके है.साथ ही इस मुद्दे पर पीएम मोदी को पात्र भी लिख चुके है. इसी बीच बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी ओबीसी की अलग जनगणना की मांग की है. पूर्व सीएम मायावती ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को समर्थन देने की भी बात कही है.
मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा , "देश में ओबीसी समाज की अलग से जनगणना कराने की मांग बसपा शुरू से ही करती रही है तथा अभी भी बसपा की यही मांग है और इस मामले में केंद्र की सरकार अगर कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो फिर बसपा इसका संसद के अन्दर व बाहर भी समर्थन जरूर करेग.
गौरतलब है कि देश में आखिरी जाति आधारित जनगणना आजादी से पहले साल 1931 में हुई थी.इसी आंकड़े के आधार पर बताया गया है कि देश में ओबीसी आबादी 52 फीसदी है. जाति के आंकड़ों के बिना काम करने में मंडल आयोग को काफी दिक्कत आई और उसने सिफारिश की थी कि अगली जो भी जनगणना हो उसमें जातियों के आंकड़े इकट्ठा किए जायें.