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किसानों को मवाली बताने वाले बयान से विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी का किनारा, दी ये सफाई
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को मवाली की संज्ञा से जब नवाजा तो बवाल मच गया। हालांकि बाद में उन्होंने कहा बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। केंद्र सरकार इस समय तीन मोर्चों पर घिरी है, पेगासस मुद्दे पर राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ तो ऑक्सीजन से किसी की मौत नहीं पर राहुल गांधी ने कहा कि देश याद रखेगा, इसके साथ ही कृषि कानूनों पर किसान नेता जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सबके बीच विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसान नेताओं को मवाली कह कर विवाद पैदा कर दिया। पहले मीनाक्षी लेखी ने क्या कहा उसे जानते हैं।
अब मंत्री जी ने दी सफाई
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। बहरहाल, किसानों से जुड़ी मेरी टिप्पणियों से अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपनी बात वापस लेती हूं।आज एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान 26 जनवरी को लाल किले की हिंसा और एक मीडियाकर्मी (आज किसान संसद में) पर हुए हमले पर मेरी टिप्पणी मांगी गई थी। जवाब में, मैंने कहा कि केवल गुंडे ही हैं, किसान नहीं ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं:
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार 'किसान संसद' में एक मीडियाकर्मी पर कथित हमले पर कहा कि वे किसान नहीं हैं, वे गुंडे हैं... ये आपराधिक कृत्य हैं। 26 जनवरी को जो हुआ वह भी शर्मनाक आपराधिक गतिविधियां थी। विपक्ष ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया। लेकिन उनके बयान पर हंगामा बरपा कि सरकार की नजरों में किसान मवाली हैं।
During a press conference today, my comment was sought on the Red Fort violence on January 26 and the attack on a media person (at Farmers' Parliament today). In response, I said only hooligans, not farmers can indulge in such activities: Union Minister Meenakshi Lekhi pic.twitter.com/MqyI4v8j3X
— ANI (@ANI) July 22, 2021
किसान 8 महीने से दिल्ली बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 500 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। फिर भी सरकार ने सीमाओं पर उनकी हालत नहीं देखी। उनका कहना है कि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाएगा। बातचीत का क्या मतलब ?: हरसिमरत कौर बादल, शिरोमणि अकाली दल
पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया, तीन कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीन कृषि कानूनों को लेकर गांधी प्रतिमा के सामने पार्टी सांसदों के साथ धरना दिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस सरकार ने किसानों को कृषि कानूनों का विरोध करने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए हैं। किसानों पर लाठीचार्ज किया गया, उनके खिलाफ वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। हम कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं। हम कृषि कानूनों और किसानों के समर्थन में विरोध करना जारी रखेंगे।
अब मंत्री जी ने दी सफाई
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। बहरहाल, किसानों से जुड़ी मेरी टिप्पणियों से अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपनी बात वापस लेती हूं।आज एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान 26 जनवरी को लाल किले की हिंसा और एक मीडियाकर्मी (आज किसान संसद में) पर हुए हमले पर मेरी टिप्पणी मांगी गई थी। जवाब में, मैंने कहा कि केवल गुंडे ही हैं, किसान नहीं ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं:
पहले क्या कहा था
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार 'किसान संसद' में एक मीडियाकर्मी पर कथित हमले पर कहा कि वे किसान नहीं हैं, वे गुंडे हैं... ये आपराधिक कृत्य हैं। 26 जनवरी को जो हुआ वह भी शर्मनाक आपराधिक गतिविधियां थी। विपक्ष ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया। लेकिन उनके बयान पर हंगामा बरपा कि सरकार की नजरों में किसान मवाली हैं।
किसान 8 महीने से दिल्ली बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 500 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। फिर भी सरकार ने सीमाओं पर उनकी हालत नहीं देखी। उनका कहना है कि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाएगा। बातचीत का क्या मतलब ?: हरसिमरत कौर बादल, शिरोमणि अकाली दल
पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया, तीन कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीन कृषि कानूनों को लेकर गांधी प्रतिमा के सामने पार्टी सांसदों के साथ धरना दिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस सरकार ने किसानों को कृषि कानूनों का विरोध करने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए हैं। किसानों पर लाठीचार्ज किया गया, उनके खिलाफ वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। हम कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं। हम कृषि कानूनों और किसानों के समर्थन में विरोध करना जारी रखेंगे।
अब मंत्री जी ने दी सफाई
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। बहरहाल, किसानों से जुड़ी मेरी टिप्पणियों से अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपनी बात वापस लेती हूं।आज एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान 26 जनवरी को लाल किले की हिंसा और एक मीडियाकर्मी (आज किसान संसद में) पर हुए हमले पर मेरी टिप्पणी मांगी गई थी। जवाब में, मैंने कहा कि केवल गुंडे ही हैं, किसान नहीं ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं:
पहले क्या कहा था
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार 'किसान संसद' में एक मीडियाकर्मी पर कथित हमले पर कहा कि वे किसान नहीं हैं, वे गुंडे हैं... ये आपराधिक कृत्य हैं। 26 जनवरी को जो हुआ वह भी शर्मनाक आपराधिक गतिविधियां थी। विपक्ष ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया। लेकिन उनके बयान पर हंगामा बरपा कि सरकार की नजरों में किसान मवाली हैं।
किसान 8 महीने से दिल्ली बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 500 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। फिर भी सरकार ने सीमाओं पर उनकी हालत नहीं देखी। उनका कहना है कि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाएगा। बातचीत का क्या मतलब ?: हरसिमरत कौर बादल, शिरोमणि अकाली दल
पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया, तीन कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीन कृषि कानूनों को लेकर गांधी प्रतिमा के सामने पार्टी सांसदों के साथ धरना दिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस सरकार ने किसानों को कृषि कानूनों का विरोध करने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए हैं। किसानों पर लाठीचार्ज किया गया, उनके खिलाफ वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। हम कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं। हम कृषि कानूनों और किसानों के समर्थन में विरोध करना जारी रखेंगे।