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एयरफोर्स चीफ ने अपने ही Mi-17 मार गिराने को बताया 'भयंकर गलती', दो ऑफिसर्स पर होगा एक्शन
बडगाम में 27 फरवरी को भारतीय वायुसेना की गलती से Mi-17 चॉपर क्रैश हुआ था. वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को यह बात मान ली. उन्होंने बताया कि मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी पूरी हो गई है. वायुसेना अपने दो अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेगी.
भदौरिया ने कहा, "कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी हो चुकी है और ये हमारी गलती थी क्योंकि हमारी मिसाइल ने अपने ही चॉपर को हिट किया. हम दो ऑफिसर्स के खिलाफ एक्शन लेंगे. हम मानते हैं कि ये हमारी बड़ी गलती थी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसा ना हो."
27 फरवरी को बडगाम में हुई इस घटना में एयरफोर्स के 6 जवान मारे गए थे. घटनास्थल पर मौजूद एक नागरिक भी चॉपर क्रैश होने पर मारा गया था. बालाकोट एयर स्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान ने काउंटर-अटैक किया था. यह चॉपर 154 हेलिकॉप्टर यूनिट से था और टेक-ऑफ के 10 मिनट के भीतर ही क्रैश हो गया था.
Mi-17 चॉपर क्रैश : कैसे क्या हुआ था?
27 फरवरी की सुबह 10 से 10.30 के बीच 27 फरवरी की सुबह जब पाकिस्तानी एयरफोर्स के लड़ाकू विमान एलओसी पार कर भारतीय सीमा में घुसे तो एयरफोर्स ने 8 लड़ाकू विमानों को उनका पता लगाने भेजा था.
कश्मीर में हवाई सुरक्षा हाई एलर्ट पर थी. सरफेस-टू-एयर मिसाइलों को तैयार रखा गया था ताकि जरूरत पड़ने पर पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट्स को निशाना बनाया जा सके.
इसी समय श्रीनगर एयरपोर्ट के एयर डिफेंस रडार्स ने कम ऊंचाई पर उड़ रहे एक एयरक्राफ्ट को पकड़ा. यहां तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने हेलिकॉप्टर पर फायर करने के आदेश दिए होंगे. हालांकि उस हेलिकॉप्टर की एक महत्वपूर्ण सिस्टम Identification, Friend or Foe (IFF) ट्रांसपांडर के जरिए पहचान नहीं की सकी.
IFF सिस्टम एक अनूठा सिग्नल भेजते हैं और उस सिग्नल का जवाब एयरक्राफ्ट से दिया जाता है. तब पता चलता है कि यह 'मित्र' एयरक्राफ्ट है. अभी तक यह साफ नहीं है कि एयरफोर्स के विमान का IFF बंद था या घटना के समय काम नहीं कर रहा था.