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महिला कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार एक और फैसला, महिला कर्मचारि को प्रसव के बाद नवजात शिशु की मृत्यु हो जाने पर मिलेगा इतना अवकाश
केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार ने मैटरनिटी लीव यानी मातृत्व अवकाश को लेकर ये फैसला लिया है कि यदि प्रसव के तुरंत बाद नवजात शिशु की मृत्यु हो जाती है तो भी महिला कर्मचारियों को विशेष मातृत्व अवकाश दिया जाएगा. केंद्र सरकार की ओर से महिला कर्मचारियों को लेकर लिए गए इस निर्णय का ऐलान कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है कि सभी महिला कर्मचारियों को प्रसव के तुरंत बाद नवजात शिशु की मृत्यु होने की स्थिति में 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश दिया जाएगा.
DOPT ने इस बारे में 2 सितंबर को आदेश भी जारी कर दिया है. डीओपीटी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मृत शिशु पैदा होने या जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु की मृत्यु से मां को पहुंचने वाली भावनात्मक चोट को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. डीओपीटी ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि इस तरह की घटनाओं का एक मां के जीवन पर बहुत गहरा प्रभव पड़ता है. DOPT ने अपने आदेश में कहा है कि मृत शिशु पैदा होने या जन्म के तुरंत बाद उसकी मृत्यु होने पर अवकाश या मातृत्व अवकाश को लेकर तथ्य स्पष्ट करने का अनुरोध करते हुए कई आवेदन मिले थे. DOPT ने कहा है कि इसके बाद ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया
और ये फैसला लिया गया. डीओपीटी ने कहा है कि मृत नवजात शिशु के जन्म या प्रसव के तुरंत बाद उसकी मौत से पहुंचने वाले सदमे को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों को ऐसी स्थिति में 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश देने का फैसला लिया गया है. DOPT के आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि किसी महिला कर्मचारी ने पहले ही मातृत्व अवकाश का लाभ उठा लिया है और उसकी छुट्टी बच्चे के जन्म के बाद मृत्यु के वक्त भी चल रही है, तो पहले से प्राप्त मातृत्व अवकाश को बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के किसी अन्य प्रकार के अवकाश में परिवर्तित किया जा सकता है. डीओपीटी के मुताबिक अगर पहले ही छुट्टी ले ली है तो उन्हें बचे हुए अन्य प्रकार के अवकाश में परिवर्तित किया जा सकता है और 60 दिन का विशेष अवकाश दिया जाएगा