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National Science Day 2023: इस वजह से 28 फरवरी को मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
आज, 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वर्ष 2023 के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य विषय वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान (Global Science for Global Wellbeing) घोषित किया गया है। इस साल के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम को लेकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "वर्ष 2023 में प्रवेश के साथ ही इस साल का थीम भारत की उभरती वैश्विक भूमिका और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में बढ़ती पहुंच को प्रदर्शित करता है।"
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का कारण
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को दरअसल आमजन के रोजमर्रा जीवन में विज्ञान के महत्व के बारे में संदेश फैलाने के लिए मनाया जाता है। मानव कल्याण के लिए विज्ञान की सभी गतिविधियों, किए जा रहे कार्यों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करना भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उद्देश्यों में शामिल हैं। साथ ही, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को विज्ञान के क्षेत्र में उभरते मुद्दों या प्रचलनों पर विमर्श करने व तकनीकी आधारित समाधान खोजने का प्रण लेने के लिए भी मनाया जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के माध्यम से भारतीय नागरिकों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने व प्रचारित करने वाले प्रयासों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भी मनाया जाता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत के महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन के सम्मान में हर वर्ष आज (28 फरवरी) के दिन मनाया जाता है। देश के भौतिकी वैज्ञानिकों में से एक सीवी रमन द्वारा प्रचलित 'रमन इफेक्ट' की खोज की पुष्टि 28 फरवरी 1928 के दिन ही दिन की गयी थी, जिसके दो साल बाद में यानि वर्ष 1930 में उन्हें इस खोज के लिए नोबल पुरस्कार दिया गया था। इसी मद्देनजर भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) द्वारा 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाए जाने की सलाह दी गयी थी।