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शाहीन बाग जैसे प्रदर्शन के लिए अनिश्चित काल के लिए सड़क पर कब्जा नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शाहीन बाग विरोद प्रदर्शन को लेकर हुई सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा है कि प्रदर्शनकारी अनिश्चित काल के लिए सार्वजनिक सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई बी समूह या व्यक्ति प्रदर्शन के नाम पर सार्वजनिक जगहों को ब्लॉक नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शन किसी ऐसी जगह होना चाहिए जहां भीड़भाड़ न हो।
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनिश्चितकाल के लिए धरना देने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा नहीं किया जा सकता। इस तरह के प्रदर्शन स्वीकार्य नहीं हैं और सम्बंधित अथॉरिटीज़ ऐसे मामलों को खुद देखे। पुलिस और प्रशासन पर सख्ती दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासन खुद सार्वजनिक स्थानों को अवरोधों से मुक्त रखे, सिर्फ़ कोर्ट के कंधे पर बंदूक रखकर न चलाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़कों या किसी सार्वजनिक जगहों को प्रदर्शन के लिए बंद करने से बड़ी संख्या में लोगों को परेशानी होती है और उनके अधिकारों का हनन करता है, और यह क़ानून के तहत मान्य नहीं है। कोर्ट ने यह फैसला नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन के दौरान कई महीनों तक बंद पड़ी रही सार्वजनिक सड़क को खोलने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। हालांकि कोरोना को देखते हुए शाहीन बाग का धरना प्रदर्शन मार्च के अंत में खत्म कर दिया गया था लेकिन तबतक कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई थी और कोर्ट ने अब उस याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है।