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यूपी कैडर के आईपीएस जावीद अहमद या रजनीकांत मिश्र सीबीआई चीफ की दौड में सबसे आगे
भारी उठापटक के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक चुनने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में प्रस्तावित नामों को लेकर समिति के सदस्य कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एतराज के बावजूद केंद्र जल्द ही एजेंसी के अगले प्रमुख के नाम की घोषणा कर सकता है.
अधिकारियों ने बताया कि समझा जाता है कि तीन सदस्यीय चयन समिति की दूसरी बैठक के दौरान सरकार ने ऐसे कुछ अधिकारियों के नाम सामने रखे, जिन्हें सीबीआई निदेशक पद पर नियुक्ति के योग्य माना गया है. उन्होंने बताया कि हालांकि इन नामों पर खड़गे ने आपत्ति जाहिर की. खड़गे तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा हैं.
बताया जा रहा है कि पद के लिए 1984 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जावेद अहमद जो पूर्व में यूपी के डीजीपी भी रह चुके है, रजनी कांत मिश्रा, एस एस देसवाल का नाम दौड़ में सबसे आगे है. उत्तरप्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी अहमद वर्तमान में राष्ट्रीय अपराधशास्त्र एवं विधि विज्ञान संस्थान के प्रमुख हैं. जबकि अहमद के ही कैडर के तथा सहपाठी मिश्रा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख हैं. हरियाणा कैडर के आईपीएस देसवाल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक हैं. चयन समिति की बैठक का ब्यौरा दिए बिना एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ''बैठक के दौरान कोई फैसला नहीं हो पाया.''
इससे पहले दिन में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के 'खिलाफ' नहीं है लेकिन केन्द्र को 'तत्काल' केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए. शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई निदेशक का पद संवेदनशील है और लंबे समय तक इस पद पर अंतरिम निदेशक को रखना अच्छी बात नहीं है. पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही सरकार से जानना चाहा कि अभी तक इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की गई.
आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद से सीबीआई प्रमुख का पद 10 जनवरी से ही खाली है. भ्रष्टाचार के आरोपों पर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के साथ वर्मा का टकराव हुआ था. वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. वर्मा के हटाए जाने के बाद से एम. नागेश्वर राव अंतरिम सीबीआई प्रमुख के तौर पर काम कर रहे हैं. शुक्रवार की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई. यह बैठक एक घंटे से ज्यादा समय तक चली. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ओर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में शामिल हुए.