- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
पीयूष गोयल ने जी-33 की अनौपचारिक मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया
पीआईबी, नई दिल्ली :कृषि संबंधित मामलों और 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में आगे की राह पर चर्चा करने के लिए इंडोनेशिया द्वारा जी-33 की मंत्रिस्तरीय अनौपचारिक बैठक कल आयोजित की गई थी। बारहवां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 30 नवंबर से 3 दिसंबर 2021 तक आयोजित होगा।
अनौपचारिक मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता इंडोनेशिया गणराज्य के व्यापार मंत्री मुहम्मद लुत्फी ने की। इस मौके पर विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक, डॉ एनगोजी ओकोंजो इवेला ने मुख्य भाषण दिया। जी-33 के कुल 47 सदस्यों में से, भारत सहित 21 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने इस मौके पर अपना पक्षा रखा।
बैठक के लिए भारत के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किया। अपना पक्ष रखते हुए मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि 12 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की सफलता के लिए विश्वास-निर्माण के कदम उठाने की जरूरत है। जी-33 को खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग (पीएसएच) के स्थायी समाधान पर सकारात्मक परिणामों के लिए प्रयास करना चाहिए। विशेष योजना को अंतिम रुप देना बेहद जरुरी है, जिससे कि स्पेशल सेफगार्ड स्कीम (एसएसएम) को जल्द अंतिम रुप दिया जा सके और उसके बाद घरेलू समर्थन के लिए संतुलित कदम उठाए जा सके।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्व व्यापार संगठन में कृषि समझौता गहरे असंतुलन से भरा हुआ है, जो विकसित देशों का पक्ष लेता है और कई विकासशील देशों के खिलाफ नियमों को झुकाता है। ऐसे में कृषि सुधार में पहले कदम के रूप में, ऐतिहासिक विषमताओं और असंतुलन को ठीक किया जाना चाहिए। नियम-आधारित, निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने जी-33 सदस्यों से समूह की मजबूती के लिए आपस में सामंजस्य को बनाए रखने और सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि 12 वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में कृषि पर निष्पक्ष, संतुलित और विकास-केंद्रित परिणाम आए, इसके लिए समान विचारधारा वाले विकासशील समूहों तक पहुंचकर इसे और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।