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संसद मे हंगामे को लेकर पीएम मोदी ने विपक्ष की मंशा को किया उजागर
संसद का मॉनसून सत्र सोमवार यानी आज से शुरू हो गया है। लेकिन हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक स्पीकर ओम बिड़ला ने स्थगित कर दिया, लेकिन हगांमे बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने मॉनसून सेशन में अपने नए मंत्रियों का परिचय कराते हुए विपक्ष पर तंज कसा।
विपक्षी सांसदों के हंगामे को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि आज बड़ी संख्या में महिलाएं, दलित और आदिवासी नेता मंत्री बने हैं। बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण परिवारों से आने वाले लोगों को भी मंत्री बनने का मौका मिला है। इस पर सभी को खुशी होनी चाहिए थी। उनका मेज थपथपाकर स्वागत करना चाहिए था। लेकिन कुछ लोगों को दलितों, महिलाओं और पिछड़ों का मंत्री बनना रास नहीं आता है। इसलिए वे उनका परिचय नहीं कराने दे रहे हैं।
पीएम मोदी के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी हंगामे को लेकर विपक्ष से नाखुशी जाहिर की और कहा कि यह परंपरा ठीक नहीं है। पीएम ने कहा, 'मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते।'पीएम मोदी ने हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि नए मंत्रियों को सदन में इंट्रोड्यूस्ड माना जाए।
बता दें कि विपक्ष जासूसी कांड, महंगाई और अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा मचा रहा था। इसी दौरान पीएम मोदी अपने नव-नियुक्त मंत्रियों का परिचय दे रहे थे। हालांकि, विपक्ष ने इतना हंगामा किया कि पीएम मोदी बीच में ही रुक गए और उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए यह कहा कि विपक्षी पार्टियां दलितों, महिलाओं और पिछड़ों को मंत्री नहीं देखना चाहतीं।
मॉनसून की बारिश के बीच छाता लेकर संसद पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी संसद की कार्यवाई के पहले कहा कि हम सभी सांसदों और दलों से अपील करते हैं कि वे कठिन से कठिन सवाल पूछें। लेकिन सरकार को भी जवाब देने का मौका दें। इससे लोकतंत्र मजबूत होगा और लोगों का विश्वास कायम होगा।
संसद के मानसूत्र सत्र में इस बार सरकार और विपक्ष के बीच तीखी जंग होने के आसार हैं। सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष के हाथ सरकार को घेरने के लिए एक बड़ा मुद्दा लग गया है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मीडिया की ओर से दावा किया गया है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से भारत में कई पत्रकारों, नेताओं और अन्य लोगों की जासूसी की गई। इस खुलासे के बाद संसद में हंगाम के पूरे आसार हैं।