- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में बोले PM मोदी:भारत और आसियान के सम्बंध इतिहास में दर्ज हैं
पीआईबी, नई दिल्ली: 18वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिभाग किया। नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, कोरोना महामारी के कारण हम सभी को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ा। लेकिन यह चुनौतीपूर्ण समय भारत-आसियान मित्रता की कसौटी भी रहा। कोविड-19 के काल में हमारा आपसी सहयोग, आपसी संवेदना, भविष्य में हमारे संबंधों को बल देते रहेंगे, हमारे लोगों के बीच सद्भावना का आधार रहेंगे।
पीएम ने आगे कहा, इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं। इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएँ, भाषाएँ, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान, हर जगह पे दिखते हैं। और इसलिए, आसियान की एकता और केन्द्रीय नेतृत्व भारत के लिए सदैव एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है। आसियान की यह विशेष भूमिका, भारत की 'ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी' जो हमारी सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फोर आल इन दी रिलीजन यानी ''सागर'' नीति – में निहित है। भारत के 'इंडो पेशिफिक आसियान इनिशिएटिव और आसियान के आउटलुक फोर दी इंडो-पसिफ़िक' क्षेत्र में हमारे साझा विज़न और आपसी सहयोग का ढांचा हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, वर्ष 2022 में हमारी पार्टनरशिप के 30 वर्ष पूरे होंगे। भारत भी अपनी आज़ादी के पचहत्तर वर्ष पूरे करेगा। मुझे बहुत हर्ष है कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव को हम 'आसियान-भारत मित्रता वर्ष' के रूप में मनाएंगे। भारत आगामी अध्यक्ष कंबोडिया और हमारे कंट्री को-ऑर्डिनेटर सिंगापुर के साथ मिलकर आपसी संबंधों को और गहन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।"