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#ParikshaPeCharcha : पीएम मोदी बोले- 'किसी बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से न करें पेरेंट्स व टीचर'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में देश भर के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से तनाव-रहित परीक्षा एवं संबंधित पहलुओं पर बातचीत की। चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों, शिक्षकों और पेरेंट्स के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा परेंट्स व टीचर किसी बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से न करें। इससे वह हतोत्साहित होता है। बल्कि उसके प्रदर्शन में जो सुधार आया है, इस पर प्रकाश डालते हुए उसे प्रोत्साहित करें।
उन्होंने कहा कि कसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार के साथ निपटते हैं, उस पर निर्भर करता है। मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है। लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा संवाद में कहा- जिंदगी का मतलब ठहराव नहीं है, जिंदगी का मतलब ही होता है गति।लोग कहते हैं मोदी ने बहुत आकांक्षाएं जगा दी हैं, मैं चाहता हूं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की सवा सौ करोड़ आकांक्षाएं होनी चाहिए।
परीक्षा पे चर्चा में पीएम मोदी ने कहा- जिंदगी में जितना महत्व एजुकेशन का है उतना ही महत्व ट्रेनिंग का है। पर्चे पर लिखे मार्क्स आपकी सफलता तय नहीं करते। माता-पिता अपने बच्चों के साथ उनकी रुचि के अनुसार खुलकर बातें करें। कसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार के साथ निपटते हैं, उस पर निर्भर करता है। मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है : मोदी । लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी।
पीएम ने कहा निराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है, आशा और अपेक्षा उर्ध्व गति के लिए अनिवार्य होती है हमें आकांक्षाओं को उजागर करना चाहिए, देश तभी चलता है। अपेक्षाओं के बोझ में दबना नहीं चाहिए। हमें अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने आपको सिद्ध करना चाहिए।