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PM Modi's Independence Day speech: पीएम मोदी का लालकिले पर 83 मिनट भाषण, पढ़िए- मुख्य बातें
PM Modi's Independence Day speech: देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से नौवीं बार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इस दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई। 83 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने देश के सामने 5 संकल्प रखे। भ्रष्टाचार, परिवारवाद, भाषा और लोकतंत्र का जिक्र किया। गांधी, नेहरू, सावरकर को यादकर नमन किया।
नारी शक्ति के सम्मान और उनके गौरव की बात करते हुए भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा, मैं एक पीड़ा जाहिर करना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि शायद ये लाल किले का विषय नहीं हो सकता। मेरे भीतर का दर्द कहां कहूं। वो है किसी न किसी कारण से हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है, हमारी बोल चाल, हमारे शब्दों में.. हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं।
लाल किले से पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये देश का सौभाग्य रहा है कि आजादी की जंग के कई रूप रहे हैं। उसमें एक रूप वो भी था जिसमें नारायण गुरु हो, स्वामी विवेकानंद हों, महर्षि अरविंदो हों, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर हों, ऐसे अनेक महापुरूष हिंदुस्तान के हर कोने में भारत की चेतना को जगाते रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके ज़हन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें पंच-प्राण पर अपनी शक्ति, संकल्पों, सामर्थ्य को केंद्रित करनी होगी। हमें 2047 तक आजादी के दीवानों के संकल्प को पूरा करने का जिम्मा उठा कर चलना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए। आज़ादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला।
पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनकों भुला दिया गया था। आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृतकाल का पहला प्रभात आकांक्षी सोसायटी, आकांक्षी जन-मन की आकांक्षा को पूरा करने का सुनहरा अवसर है। हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए। दूसरा प्राण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि तीसरी प्राण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए... चौथा प्राण है- एकता और एकजुटता... पांचवां प्राण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हम धरती से जुड़ेंगे, तभी तो ऊंचा उड़ेंगे और जब ऊंचा उड़ेंगे तभी तो विश्व का समाधान दे पाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण हुआ है। ये हमारी सबसे बड़ी अमानत है। पिछले 3 दिन से जिस तरह देश तिरंगा ले कर चल पड़ा है, ये अभूतपूर्व सामर्थ्य की मिसाल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सामर्थ्य ने देश को एक नई ताकत दी है। पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है, अपेक्षा से देख रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब तनाव की बात होती है तो लोगों को योग दिखता है, सामूहिक तनाव की बात होती है तो भारत की पारिवारिक व्यवस्था दिखती है। संयुक्त परिवार की एक पूंजी सदियों से हमारी माताओं के त्याग बलिदान के कारण परिवार नाम की जो व्यवस्था विकसित हुई, ये हमारी विरासत है जिसपर हम गर्व करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है। आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है। ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है।
लाल किले से पीएम मोदी ने कहा कि जिस प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है। भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है।
पीएम मोदी ने कहा कि अनुभव कहता है कि एक बार हम सब संकल्प लेकर चल पड़ें, तो हम निर्धारित लक्ष्यों को पार कर लेते हैं। यही हमारा प्राण, यही हमारा प्रण भी होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब सपने बड़े होते हैं, संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बड़ा होता है। अब आज जब अमृतकाल की पहली प्रभात है तो हमें 25 साल में विकसित भारत बना कर रहना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये पंच-प्राण हैं- विकसित भारत, गुलामी की सोच व मनोभाव से मुक्ति, विरासत पर गर्व करें, 130 करोड़ देशवासियों में एकता और एकजुटता, नागरिकों का कर्तव्य।
पीएम मोदी ने कहा कि हम जीव में भी शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं। ये हमारा सामर्थ्य है, जब विश्व के सामने खुद गर्व करेंगे तो दुनिया करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन का, डीप ओशन मिशन का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग पिछली सरकारों में देश को लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियां ज़ब्त करके वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें लौटाना पड़े वो स्थिति हम पैदा कर रहे हैं। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं।
लाल किले से पीएम मोदी ने कहा कि जिन्होंने देश को लूटा, उन्हें लौटाना होगा। भ्रष्टाचार से हर हाल में लड़ना है। इस लड़ाई में मुझे देश के 130 करोड़ भारतीयों का साथ चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल के लिए आवश्यकता है- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान।