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मन की बात में बोले पीएम मोदी- कृषि कानूनों से खत्म हुए किसानों के बंधन, किसानों को मिले नए अवसर, पढ़ें- मुख्य बातें

Arun Mishra
29 Nov 2020 6:42 AM GMT
मन की बात में बोले पीएम मोदी- कृषि कानूनों से खत्म हुए किसानों के बंधन, किसानों को मिले नए अवसर, पढ़ें- मुख्य बातें
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिये देश को संबोधित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिये देश को संबोधित किया. कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, "बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है." उन्होंने आगे कहा "काफ़ी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया. इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुए हैं , बल्कि उन्हें नये अधिकार भी मिले हैं, नये अवसर भी मिले हैं."

प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के धुले के किसान जीतेंद्र भोइजी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने नए कृषि कानूनों का इस्तेमाल किया. उन्होंने मक्के की खेती की थी और 3 लाख 32,000 में व्यापारियों को बेचना तय किया. उन्हें 25,000 अडवांस भी मिला, लेकिन उनका बाकी का पेमेंट फंस गया. 4 महीने तक उनका पेमेंट नहीं हुआ. बाद में नया कृषि कानून उनके काम आया.

उन्होंने कहा, "नए कृषि कानूनों के तहत एसडीएम को 1 महीने के अंदर उनकी शिकायत का निपटारा करना होता है. उन्होंने शिकायत की और चंद दिनों में उनकी शिकायत का निपटारा हो गया. कानून की सही और पूरी जानकारी ही जीतेंद्र की ताकत बनी."

पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि आज के मन की बात की शुरुआत मैं खुशखबरी से करता हूं. हर भारतीय को यह जानकर गर्व होगा, कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी प्रतिमा कनाडा से वापस भारत आ रही है. यह प्रतिमा लगभग 100 साल पहले 1913 के करीब वाराणसी के एक मंदिर से चुराकर देश से बाहर भेज दी गई थी. इसके लिए मैं कनाडा सरकार और इस काम में लगे सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं.

कृषि कानूनों पर क्या बोले पीएम मोदी

मोदी ने कृषि कानूनों का जिक्र किया. वह बोले कि इन सुधारों से किसानों के कई बंधन खत्म हुए. इन अधिकारों ने किसानों की परेशानी खत्म करनी शुरू की है. मोदी ने महाराष्ट्र के जितेंद्र का जिक्र किया. उन्होने मक्का की फसल बोई. उसकी कीमत व्यापारी ने 3 लाख 32 हजार तय की. 25 हजार रुपये उन्हें एडवांस भी मिल गया था. लेकिन बाकी पैसा चार महीने तक नहीं दिए गए. फिर जितेंद्र ने नए कानून की मदद से पेमेंट ली. नए कानून में फसल खरीदने के तीन दिनों के अंदर किसान को पूरा पेमेंट करना पड़ता है. ऐसा नहीं होने पर शिकायत दर्ज की जा सकती है. मोदी बोले कि एसडीएम को एक महीने के भीतर किसान की शिकायत का निपटारा करना होता है.

युवाओं से किया खास आग्रह

पीएम मोदी ने कहा कि युवाओं को जिस संस्थान से वे लोग पढ़े हैं वहां के संपर्क में रहना चाहिए. ताकि जिस संस्थान ने आपको निखारा उसके लिए कुछ करने का मौका मिले.-

मोदी ने आगे 30 नवंबर को मनाए जाने वाले गुरु नानक देव के 551वें प्रकाश पर्व का जिक्र किया. मोदी बोले कि 'गुरुग्रन्थ साहिब में कहा गया है- 'सेवक को सेवा बन आई', यानी सेवक का काम सेवा करना है. बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आए और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला.'

Arun Mishra

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Sub-Editor of Special Coverage News

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