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PM मोदी प्रथम 'लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार' से हुए सम्मानित, बोले- 'लता दीदी उम्र से बड़ी थीं और कर्म से भी बड़ी थीं'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज मुंबई में प्रथम लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, लता दीदी उम्र और कर्म से बड़ी थीं। लता दीदी ने संगीत में वो स्थान हालिस किया कि लोग उन्हें मां सरस्वती का प्रतिरूप मानते थे। उनकी आवाज़ ने करीब 80 वर्षों तक संगीत जगत में अपनी छाप छोड़ी थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, मुझे गर्व होता है कि लता दीदी मेरी बड़ी बहन थीं। पीढ़ियों को प्रेम और भावना का उपहार देने वाली लता दीदी की तरफ से हमेशा एक बड़ी बहन जैसा अपार प्रेम मुझे मिला है। इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है. पुरस्कार जब लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम से हो तो मेरे लिए उनके अपनत्व और प्यार का ही एक प्रतीक है। मैं इस पुरस्कार को सभी देशवासियों के लिए समर्पित करता हूं। जिस तरह लता दीदी जन-जन की थीं। उसी तरह से उनके नाम से मुझे दिया गया ये पुरस्कार जन-जन का है.
लता दीदी ने आज़ादी से पहले से भारत को आवाज़ दी। इन 75 वर्षों की देश की यात्रा उनके सुरों से जुड़ी रही। इस पुरस्कार से लता जी के पिता जी दीनानाथ मंगेशकर जी का नाम भी जुड़ा है। मंगेशकर परिवार का संगीत के लिए जो योगदान रहा है उसके लिए हम सभी देशवासी उनके ऋणी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, संगीत एक साधना और भावना भी है। संगीत आपको राष्ट्रभक्ती और कर्तव्य बोध के शिखर तक पहुंचा सकता है। हम सब सौभाग्यशाली है कि हमने संगीत की इस शक्ति लता दीदी के रूप में साक्षात देखा है। हमें अपने आंखों से उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला है'
लता दीदी उम्र और कर्म से बड़ी थीं। लता दीदी ने संगीत में वो स्थान हालिस किया कि लोग उन्हें मां सरस्वती का प्रतिरूप मानते थे। उनकी आवाज़ ने करीब 80 वर्षों तक संगीत जगत में अपनी छाप छोड़ी थी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/XGIlXK67Nj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 24, 2022