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जल जीवन मिशन के बारे में ग्राम पंचायतों तथा पानी समितियों से प्रधानमंत्री ने की बात
पीआईबी, नई दिल्ली: जल जीवन मिशन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण लोगों से बातचीत के दौरान कहा, कि आज 2 अक्टूबर का दिन है, देश के 2 महान सपूतों को हम बड़े गर्व के साथ याद करते हैं। पूज्य बापू और लाल बहादुर शास्त्री जी, इन दोनों महान व्यक्तित्वों के हृदय में भारत के गांव ही बसे थे। मुझे खुशी है कि आज के दिन देशभर के लाखों गांवों के लोग 'ग्राम सभाओं' के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं। ऐसे अभूतपूर्व और राष्ट्रव्यापी-मिशन को इसी उत्साह और ऊर्जा से सफल बनाया जा सकता है। जल जीवन मिशन का विजन, सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है। ये "Decentralisation" का- विकेंद्रीकरण का उसका भी एक बहुत बड़ा Movement है। ये "Village Driven- Women Driven Movement" है। इसका मुख्य आधार, जन आंदोलन और जन भागीदारी है। और आज ये हम इस आयोजन में होते हुए देख रहे हैं।
जल जीवन मिशन को अधिक सशक्त, अधिक पारदर्शी बनाने के लिए आज कई और कदम भी उठाए गए हैं। जल जीवन मिशन ऐप पर इस अभियान से जुड़ी सभी जानकारियां एक ही जगह पर मिल पाएंगी। कितने घरों तक पानी पहुंचा, पानी की क्वालिटी कैसी है, वॉटर सप्लाई स्कीम का विवरण, सब कुछ इस ऐप पर मिलेगा।
इस वर्ष पूज्य बापू की जन्मजयंति हम आज़ादी के अमृत महोत्सव के इस महत्वपूर्ण कालखंड में साथ-साथ मना रहे हैं। एक सुखद एहसास हम सभी को है कि बापू के सपनों को साकार करने के लिए देशवासियों ने निरंतर परिश्रम किया है, अपना सहयोग दिया है। आज देश के शहर और गांव, खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं। करीब-करीब 2 लाख गांवों ने अपने यहां कचरा प्रबंधन का काम शुरू कर दिया है। 40 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने का भी फैसला लिया है। लंबे समय तक उपेक्षा की शिकार रही खादी, हैंडीक्राफ्ट की बिक्री अब कई गुना ज्यादा हो रही है। इन सभी प्रयासों के साथ ही, आज देश, आत्मनिर्भर भारत अभियान के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।