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प्रधानमंत्री 1 अक्टूबर को स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 2.0 और अमृत 2.0 का शुभारंभ करेंगे
पीआईबी, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ऐतिहासिक पहल के तहत 01 अक्टूबर, 2021 को सुबह 11 बजे डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और इसके साथ ही कायाकल्प एवं शहरी सुधार के लिए अटल मिशन 2.0 का शुभारंभ करेंगे।
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, एसबीएम-यू 2.0 और अमृत 2.0 को हमारे सभी शहरों को 'कचरा मुक्त' और 'जल सुरक्षित' बनाने की आकांक्षा को साकार करने के लिए तैयार किया गया है। ये प्रमुख मिशन भारत में तेजी से शहरीकरण की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का संकेत देने के साथ-साथ सतत विकास लक्ष्य 2030 की उपलब्धि में योगदान करने में भी मददगार होंगे।
आवास एवं शहरी मामलों के केन्द्रीय मंत्री एवं राज्य मंत्री तथा राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के शहरी विकास मंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के बारे में
एसबीएम-यू 2.0 सभी शहरों को 'कचरा मुक्त' बनाने और अमृत के अंतर्गत आने वाले शहरों के अलावा अन्य सभी शहरों में धूसर और काले पानी के प्रबंधन को सुनिश्चित करने, सभी शहरी स्थानीय निकायों को ओडीएफ+ और 1 लाख से कम जनसंख्या वाले को ओडीएफ++ के रूप में तैयार करने की परिकल्पना करता है, जिससे शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट के स्रोत पृथक्करण, 3-आर, रिड्यूस (कम करें) रियूज (पुन: उपयोग), रिसाइकल (पुर्नचक्रण) के सिद्धांतों का उपयोग करने, सभी प्रकार के शहरी ठोस कचरे के वैज्ञानिक प्रसंस्करण और प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए डंपसाइट के सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एसबीएम-यू 2.0 का परिव्यय लगभग 1.41 लाख करोड़ रुपये है।
अमृत 2.0 के बारे में
अमृत 2.0 का लक्ष्य लगभग 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करके लगभग 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज का शत-प्रतिशत कवरेज करते हुए, लगभग 4,700 शहरी स्थानीय निकायों में सभी घरों में पेयजल की आपूर्ति का शत-प्रतिशत कवरेज प्रदान करना है, जिससे शहरी क्षेत्रों में 10.5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।अमृत 2.0 सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों को अपनाएगा और सतह एवं भूजल निकायों के संरक्षण और कायाकल्प को बढ़ावा देगा। मिशन नवीनतम वैश्विक प्रौद्योगिकियों और कौशल का लाभ उठाने के लिए जल प्रबंधन और प्रौद्योगिकी उप-मिशन में डेटा आधारित शासन को बढ़ावा देगा। शहरों के बीच प्रगतिशील प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए 'पेयजल सर्वेक्षण' आयोजित किया जाएगा। अमृत 2.0 का परिव्यय लगभग 2.87 लाख करोड़ रुपये है।