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राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र ही नहीं बल्कि मध्य भारत के इलाके में भी हवा तेजी प्रदुषण फैल रहा है और तेजी से जहरीली हो रही है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के शहरों में हाल के दिनों में प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र (सीएसई) की हालिया रिपोर्ट से इस तथ्य का खुलासा हुआ है|
बता दें कि पूरे उत्तर भारत को वायु प्रदूषण के मामले में सबसे ज्यादा खराब माना जाता है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वर्ष के ज्यादातर समय में वायु गुणवत्ता मानकों से खराब ही रहती है लेकिन, हाल के दिनों में मध्य भारत में भी प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया है। सीएसई की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में सिंगरौली शहर में 95 दिन ऐसे रहे हैं, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब या गंभीर श्रेणी में रही। इसी प्रकार, ग्वालियर में भी इस तरह के दिनों की संख्या 72 रही है। भोपाल में ऐसे दिनों की संख्या 38, इंदौर में 36, जबलपुर में 49 और उज्जैन में 30 दिन रही है।
जाड़े के दिनों में सिंगरौली, कटनी, जबलपुर, ग्वालियर और भोपाल में स्मॉग का प्रभाव सबसे ज्यादा देखने को मिला है। सीएसई की कार्यकारी निदेशक (शोध व परामर्श) अनुमिता रायचौधुरी का कहना है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रदूषण को लेकर डाटा बहुत कम उपलब्ध है। बावजूद जबलपुर जो डाटा उपलब्ध है, उससे पता चलता है कि इस पूरे क्षेत्र में प्रदूषण की परेशानी बढ़ रही है। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अलग-अलग सेक्टर को लेकर समुचित योजना बनाने की जरूरत है।