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दिल्ली में चीन से सीख लेकर शुरू हुई कोरोना से लड़ने की तैयारी
कोरोना वायरस के बारे में दिल्ली सहित देश के डॉक्टर ज्यादा अवगत नहीं हैं। ऐसे में यदि यह बीमारी यहां महामारी में तब्दील हुई तो चीन के अनुभव से सीख कर लेकर दिल्ली के डॉक्टरों ने तैयारियों पर रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कोरोना वायरस से संभावित संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए दो अधिकृत अस्पताल तैयार करने के लिए कहा गया है। इसके अनुसार ही दिल्ली में कोरोना के इलाज के लिए तैयारियां शुरू की गईं हैं।
दो अस्पतालों में किया जाएगा कोरोना मरीजों को इलाज
दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग लोकनायक व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को कोरोना के विशेष अस्पताल के रूप में विकसित करेगा। इन दोनों अस्पतालों की सभी सेवाओं को रोककर कोरोना के इलाज के लिए विकसित किया जाएगा।
1400 वेंटिलेटर के साथ हो रही तैयारी
लोकनायक अस्पताल में करीब एक हजार व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 400 की सुविधा विकसित की जाएगी, जिसमें करीब 400 वेंटिलेटर शमिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने सुविधाओं के विकास के लिए पांच डॉक्टरों की कमेटी गठित की थी। इस कमेटी के अध्यक्ष और आइएलबीएस (यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान) के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने कहा कि अभी मामले कम लग रहे हैं। वहीं, कोरोना के मामले यदि 15 मई तक बढे़ तो उस हिसाब से सुविधाएं विकसित करने के लिए रिपोर्ट तैयार की गई है। सभी अस्पतालों में कोरोना के मरीज देखे जाएंगे तो इससे संक्रमण बढ़ सकता है, इसलिए लोकनायक व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी इन दो मुख्य अस्पतालों में सुविधाएं विकसित करना बेहतर रहेगा।
कोरोना से पीड़ित 14 फीसद मरीजों को भर्ती करने की जरूरत
चीन में हुए अध्ययन में यह कहा गया है कि कोरोना से पीड़ित 14 फीसद मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी। न्यू इंग्लैंड जर्नल में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमें यह बताया गया है कि कोरोना पॉजिटिव एक हजार मरीजों में से 140 लोग अस्पताल में भर्ती हुए। इनमें पांच फीसद को आइसीयू, 2.3 फीसद को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। पहली बार यह बीमारी आई है। किसी को इसके बारे में अंदाजा नहीं है, इसलिए चीन का डेटा लिया गया। उस हिसाब से यहां सुविधाएं विकसित करने के लिए रिपोर्ट तैयार की गई है।
कम से कम 7 दिन तक भर्ती रहेगा मरीज
उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीज कम से कम सात दिन भर्ती रहेगा। इस आधार पर बेड, आइसीयू, वेंटिलेटर, दवाओं, एंबुलेंस, डॉक्टर, पैरामेडिकल कर्मचारी व पर्सनल प्रोटेक्शन किट की उपलब्धता की तैयारी की गई है। मौजूदा परिस्थिति के अनुसार दिल्ली में पर्याप्त तैयारी है।
अस्पताल की इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में स्थानांतरित होगी
कमेटी में सदस्य रहे एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि लोकनायक में 200 वेंटिलेटर होंगे। अस्पताल की इमरजेंसी को थोड़े समय के लिए ट्रॉमा सेंटर में स्थानांतरित करने की तैयारी है। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भी करीब 200 वेंटिलेटर की व्यवस्था होगी। बाद में यदि जरूरत पड़ी तो दूसरे अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
कोरोनो के लिए अधिकृत होंगे 3 अस्पताल
बता दें कि सफदरजंग अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को भी पूरी तरह कोरोना के इलाज के लिए तैयार किया जा रहा है। इस तरह दिल्ली में तीन अस्पताल कोरोनो के लिए अधिकृत होंगे।
निजी अस्पतालों की भी पड़ सकती जरूरत
निजी अस्पतालों को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है। 200 बेड के अस्पतालों में चार पॉजिटिव व 10 संदिग्ध मरीज भर्ती करने की व्यवस्था करने की बात कही गई है। साथ ही विपरीत परिस्थिति में निजी अस्पताल टेक ओवर भी किए जा सकते हैं।इन निजी अस्पतालों में है तैयारीसभी बडे अस्पतालों ने अपने स्तर पर तैयारी की है। अपोलो में 50, मैक्स में 40 बेड की व्यवस्था है। इसके अलावा गंगाराम अस्पताल में भी तैयारी की गई है।
यहां निजी लैब में जांच की सुविधा
लाल पैथ लैब
सेक्टर 18, रोहिणी
डॉ. डंग लैब
सफदरजंग डेवलपमेंट एरिया
अपोलो अस्पताल, सरिता विहार
मैक्स अस्पताल, साकेत
गंगाराम अस्पताल
ऑंक्वेस्ट लैब 3-फैक्ट्री रोड, नई दिल्ली