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कृषि विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी, बन गया कानून

Arun Mishra
27 Sept 2020 6:30 PM IST
कृषि विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी, बन गया कानून
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President Ram Nath Kovind
इस बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद अब यह कानून बन जाएगा। हालांकि विपक्ष इस बिल को लेकर सरकार का विरोध कर रहा है।

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि बिल को मंजूरी दे दी है। इस बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद अब यह कानून बन जाएगा। हालांकि विपक्ष इस बिल को लेकर सरकार का विरोध कर रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसे किसानों के ऐतिहासिक बताया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सुधार संबंधी विधेयक उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे और नए प्रावधान लागू होने के कारण वे अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों, खासकर कांग्रेस पर, आरोप लगाया था कि वह इन विधेयकों का विरोध कर किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं और बिचौलियों के साथ किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रही हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे इस भ्रम में न पड़ें और सतर्क रहें।

मोदी ने कहा था कि, ''विश्वकर्मा जयंती के दिन लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं। किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे। ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं।''

उन्होंने कहा था कि जो लोग दशकों तक सत्ता में रहे हैं और देश पर राज किया है, वे लोग किसानों को इस विषय पर भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं ओर उनसे झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, ''जिस एपीएमसी एक्ट को लेकर अब ये लोग राजनीति कर रहे हैं, एग्रीकल्चर मार्केट के प्रावधानों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं, उसी बदलाव की बात इन लोगों ने अपने घोषणापत्र में भी लिखी थी। लेकिन अब जब एनडीए सरकार ने ये बदलाव कर दिया है, तो ये लोग इसका विरोध करने पर उतर आए हैं। दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किसानों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का लाभ नहीं दिया जाएगा। ये भी मनगढ़ंत बातें कही जा रही हैं कि किसानों से धान-गेहूं इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी। ये सरासर झूठ है, गलत है, किसानों को धोखा है।''

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