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ममता बनर्जी का बडा कारनामा, महुआ मोइत्रा विवाद के बीच अडानी ग्रुप से छीना 25 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट
टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरी विवाद में घिरीं हैं. आरोप है कि संसद में उन्होंने पैसे लेकर अडानी ग्रुप को लेकर सवाल पूछे हैं. इस मामले में सियासत भी खूब गरम चल रही है. इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और अडानी ग्रुप से दूरी बना ली है. राज्य सरकार ने अडानी ग्रुप से 25 हजार करोड़ रुपये के ताजपुर पोर्ट को विकसित करने का प्रोजेक्ट छीन लिया है. मंगलवार को सीएम ममता बनर्जी ने साफ किया कि ताजपुर समुद्री बंदरगाह परियोजना को विकास करने के लिए जल्द ही एक टेंडर जारी किया जाएगा. इससे पहले इस परियोजना का काम अडानी ग्रुप को दिया गया था.
बता दें कि जब ताजपुर पोर्ट को विकसित करने का काम अडानी ग्रुप को दिया गया था, तब सियासी चर्चाएं भी जोर पकड़ गई थीं. कहा जा रहा था कि एक तरफ विपक्ष अडानी ग्रुप पर हमलावर है तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में ममता सरकार बड़े प्रोजेक्ट का काम उसी ग्रुप को सौंप रही है. दरअसल, ममता सरकार ने कुछ महीने पहले ही ताजपुर बंदरगाह विकसित करने के लिए अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड को आशय पत्र जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इससे अडानी ग्रुप को बंगाल में 25 हजार करोड़ के निवेश का रास्ता साफ हो गया था.
'ममता सरकार ने LoI रद्द किया'
हालांकि, अब सरकार ने अडानी पोर्ट को सौंपे गए आशय पत्र (LoI) को रद्द करने का फैसला किया है. यही वजह है कि मंगलवार खुद सीएम ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे. यानी कोई भी कंपनी नीलामी में शामिल हो सकती है और बोली लगा सकती है. सीएम ममता ने बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के उद्घाटन कार्यक्रम में यह घोषणा की.
'जल्द निविदा प्रक्रिया शुरू करेगी सरकार'
मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार अडानी पोर्ट्स को आशय पत्र सौंपने के एक साल बाद इस परियोजना के लिए नई बोलियां मांगने के लिए जल्द ही निविदा प्रक्रिया फिर से खोलेगी. ममता ने कहा, ताजपुर में प्रस्तावित गहरा समुद्री बंदरगाह तैयार है. आप सभी निविदा में भाग ले सकते हैं. यह करीब 25,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेगा. ममता के ऐलान के बाद इस परियोजना के भविष्य के बारे में अटकलें तेज हो गई हैं.
'बिजनेस समिट में अडानी ग्रुप ने नहीं लिया हिस्सा'
बताते चलें कि उद्योगपति गौतम अडानी ने बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2022 में हिस्सा लिया था और 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी. उसके बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने खुद कोलकाता में अडानी पोर्ट्स के सीईओ करण अडानी को इस परियोजना को विकसित करने का एलओआई सौंपा था. दिलचस्प बात यह है कि इस साल बंगाल सरकार के बिजनेस इवेंट में अडानी ग्रुप से किसी ने हिस्सा नहीं लिया.
'कई देशों की कंपनियों ने हिस्सा लिया'
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मंगलवार को वार्षिक दो दिवसीय बिजनेस समिट का पहला दिन था, जिसमें यूके, यूएस, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया, जापान, जर्मनी और फ्रांस समेत 17 देशों की सैकड़ों कंपनियां भाग ले रही हैं. सीएम ममता बनर्जी ने समिट का उद्घाटन किया और राज्य के निर्यात को दोगुना करने, अपने लॉजिस्टिक्स को आधुनिक बनाने और नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजनाओं समेत कई नई नीतियों की घोषणा की. उन्होंने पूर्वी क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद के लिए जैव-ईंधन को बढ़ावा देने और दीघा के समुद्री रिसॉर्ट में एक नए उप-समुद्र केबल लैंडिंग स्टेशन की भी घोषणा की.
'ममता ने कई प्रोजेक्ट का ऐलान किया'
कार्यक्रम में पेट्रो-केमिकल्स से लेकर रिटेल टाइकून मुकेश अंबानी, एनर्जी बैरन संजीव गोयनका और विप्रो के ऋषद प्रेमजी समेत बिजनेस लीडर्स उपस्थित रहे. ममता ने कहा, उत्तर बंगाल में दनकुनी-कल्याणी, ताजपुर बंदरगाह रघुनाथपुर, दनकुनी-झारग्राम और दुर्गापुर से कूच बिहार समेत चार नए औद्योगिक गलियारे स्थापित किए जाएंगे.
'राज्यपाल बोले- अच्छे कामों को समर्थन'
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस भी मंगलवार को बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में शामिल नहीं हुए. हालांकि उन्होंने कहा, राज्य में कहीं भी जो कुछ भी 'अच्छा' हुआ, उसे उन्होंने अपना समर्थन दिया है. बोस ने पहले दिन में पत्रकारों से कहा, मैं यहां (राजभवन) से समिट में हिस्सा ले रहा हूं. पश्चिम बंगाल में कहीं भी कुछ भी अच्छा होगा, मैं समर्थन के लिए हमेशा मौजूद रहूंगा.