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Rahul Gandhi Biography: राहुल गांधी का जीवन परिचय
राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के घर पर हुआ था। वह अपने माता-पिता की दो संतानों में बड़े हैं प्रियंका गांधी बडेरा के बड़े भाई के तौर पर राहुल गांधी जाने जाते हैं। राहुल गांधी की दादी श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की पूर्व प्रधानमंत्री थी। राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में हुई इसके बाद वह प्रसिद्ध दून विद्यालय में पढ़ने चले गए। जहां उनके पिता ने भी पढ़ाई की थी। सन 1981 से 83 तक सुरक्षा की दृष्टि से राहुल गांधी को अपनी पढ़ाई घर पर रहकर ही करनी पड़ी थी। राहुल गांधी ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंग कॉलेज फ्लोरिडा से सन 1994 में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। इसके बाद सन् 1995 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के त्रिनिटी कॉलेज से एमफिल की उपाधि प्राप्त की है।
स्नातक स्तर की पढ़ाई कर चुकने के बाद राहुल गांधी ने प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 3 साल तक काम किया इस दौरान उनकी कंपनी और सहकर्मी इस बात से पूरी तरह अनभिज्ञ थे कि वे किसके साथ काम कर रहे हैं। क्योंकि वहां राहुल एक दूसरे नाम रोल विसीं के नाम से कंपनी में काम करते थे। राहुल गांधी के आलोचक उनके इस कदम को उनके भारतीय होने से उनकी हीन भावना को मानते हैं जबकि उनके इस कदम को उनकी सुरक्षा की दृष्टि से जोड़कर देखते हैं। सन 2002 में के अंत में मुंबई में स्थित अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी से संबंधित कंपनी आउटसोर्सिंग कंपनी बैकअप प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल के सदस्य बन गए।
2003 3 में राहुल गांधी के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बारे में बड़े पैमाने पर मीडिया में अटकल बाजी का बाजार गर्म था जिसकी उन्होंने अंत समय तक कोई पुष्टि नहीं की बाद में हुए सार्वजनिक समारोह और कांग्रेस की बैठकों में अपनी मां के साथ दिखाई देने लगे। एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला देखने के लिए सद्भावना यात्रा पर अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ पाकिस्तान भी गए। जनवरी 2004 में उनके और उनकी बहन के संभावित राजनीतिक प्रदेश प्रवेश के बारे में अटकलें बड़ी जब उन्होंने अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी का दौरा किया। जहां से उस समय उनकी मां सांसद थी और उन्होंने यह कह कर कि मैं राजनीति के विरुद्ध नहीं हूं तय कर दिया था कि जल्द राजनीति में आ जाएंगे साथ ही उन्होंने कहा था कि मैं राजनीति में कब प्रवेश करूंगा वास्तव में करूंगा भी या नहीं करूंगा यह साफ नहीं किया इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया था।
2004 लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही उन्होंने भारत देश की राजनीति में प्रवेश की घोषणा की और अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव के लिए खड़े हुए। इससे पहले इस लोक सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व उनके चाचा संजय गांधी कर चुके थे जो कि एक विमान दुर्घटना के शिकार हो गए थे और उसके बाद इसी लोकसभा क्षेत्र से उनके पिताजी राजीव गांधी सांसद चुने गए। उनके निधन के बाद इस सीट पर उनकी मां लगातार सांसद चुनी जा रही थी। 2004 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने अमेठी लोकसभा क्षेत्र के पड़ोस की रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत गई थी।
इस लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में से 10 लोकसभा सीटें जीती उस समय कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में सबसे बुरा प्रदर्शन था। इसका ठीकरा राहुल और उनकी बहन के सर पर फूटा की कोई नया करिश्मा नहीं कर पाए देश को युवा को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाए देश का सबसे मशहूर राजनीतिक परिवार युवाओं पर अपनी पकड़ नहीं बना सका हालांकि राहुल गांधी लोकसभा सांसद चुने जा चुके थे और उन्होंने एक लाख से ज्यादा अंतर से अपने परिवार का यह घर बचा लिया था।
-2009 के लोकसभा चुनाव में भी अमेठी से सांसद चुने गए 2014 का लोकसभा चुनाव अमेठी से ही जीते लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में इस पर उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथों करारी हार मिली थी और सालों पुराना इस चीज पर उनके परिवार का वर्चस्व समाप्त हो गया। राहुल गांधी 2019 का चुनाव केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी लड़े थे वहां वह अपनी जीत दर्ज कर चुके थे। राहुल गांधी 2019 के चुनाव के बाद लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला कर रहे थे।
बीते दिनों मार्च के महीने में उनके खिलाफ गुजरात की निचली अदालत में एक केस की सुनवाई के दौरान उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई इसके चलते उन्हें लोकसभा के सदस्य डिसक्वालिफाइड कर दिया गया अगर यह केस अदालत में भी हार जाते हैं तो आने वाले 8 साल वह कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे कांग्रेस मौजूदा समय में इसको लेकर प्रबल विरोध करती नजर आ रही है।
राहुल गांधी 7 सितंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर चुके थे यह यात्रा कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक चलाई गई इस दौरान 12 राज्यों 2 केंद्र शासित प्रदेशों से होती हुई करीब 5 महीनों में 4080 किलोमीटर की दूरी तय करके श्रीनगर के लाल चौक पहुंची थी। इस यात्रा के दौरान उन्होंने एक करिश्मा जरूर दिखाया कि उनकी यात्रा में भीड़ काफी दिखाई दी। हालांकि यात्रा के दौरान दो राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें एक राज्य हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने बीजेपी से सरकार छीन ली। जबकि दूसरे राज्य गुजरात में बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा। इसको लेकर काफी प्रतिक्रिया भी हुई। उसके बाद भी जल्द में तीन राज्यों में चुनाव हुए वहाँ कांग्रेस ने कोई करिश्मा नहीं दिखाया।