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राहुल बोले इन चार वजहों से दिया था इस्तीफा, नहीं मानूंगा किसी की बात
राहुल गांधी ने लंबे वक्त तक अपने इस्तीफे की बात पर अड़े रहने के बाद अंतत: कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे के बाद शुरू हुई खींचतान के बीच ऐसी ख़बरें आ रहीं हैं कि कांग्रेस ने मोतीलाल वोरा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. एक अंग्रेजी चैनल के सूत्रों के मुताबिक जब तक नए अध्यक्ष के नाम पर सहमति नहीं बनती तब तक मोतीलाल वोरा कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष होंगे. बता दें कि राहुल ने अपने ट्विटर अकाउंट के बायो से भी कांग्रेस प्रेजिडेंट हटा दिया है.
राहुल गांधी के इस्तीफे की चर्चा लंबे वक्त से थी और उन्होंने इसकी पेशकश लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के तुरंत बाद कर दी थी. अब राहुल गांधी ने जो इस्तीफा दिया है, उसमें उन्होंने अपने इस्तीफे के ये कारण बताए हैं-
'आम चुनावों में हार की जिम्मेदारी लेकर दिया इस्तीफा'
राहुल गांधी ने खुद को 2019 के आम चुनावों में हार के लिए जिम्मेदार बताया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि आगे पार्टी की ग्रोथ के लिए जिम्मेदारी लेना जरूरी है. यह भी एक वजह है कि मैं कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं.
'दोबारा पार्टी को खड़ा करने के लिए होंगे कई इस्तीफे, पहला इस्तीफा मेरा हो'
राहुल गांधी ने दूसरी वजह बताई है कि पार्टी को दोबारा से खड़े किए जाने के लिए कड़े फैसले लेने की जरूरत है और कई सारे लोगों की जिम्मेदारी 2019 के आम चुनावों में हार के लिए तय की जाएगी. ऐसे में दूसरों को जिम्मेदार ठहराना और पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मेरी जिम्मेदारी को नजरअंदाज करना न्यायपूर्ण नहीं होगा.
'नहीं रहा कांग्रेस अध्यक्ष इसलिए नहीं चुन सकता अगला अध्यक्ष'
राहुल गांधी ने अपने फैसले के बाद नए कांग्रेस अध्यक्ष को खुद न चुनने की वजह के बारे में भी कहा है. उन्होंने लिखा है कि उनके कुछ सहयोगियों का कहना है कि वे पार्टी के किसी ठीक नेता को आगे के नेतृत्व के लिए नामित करें लेकिन मेरे लिए इस हालत में अगले नेतृत्व का चयन करना सही नहीं होगा. हमारी पार्टी एक गौरवशाली इतिहास और विरासत को रखती है. इसने ऐसा संघर्ष और गौरव हासिल किया है जिसका मैं सम्मान करता हूं. यह भारतीयता के धागों से बुनी हुई है ऐसे में मैं विश्वास करता हूं कि पार्टी हमारे लिए साहस, प्रेम और सत्यनिष्ठा से नेतृत्व चलाने वाले नेता को चुनने के लिए अपना सबसे बेहतरीन निर्णय लेगी.
'केवल सत्ता हासिल करना नहीं था लक्ष्य, जारी रखूंगा लड़ाई'
राहुल गांधी ने यह भी लिखा है कि उनकी लड़ाई सिर्फ राजनीतिक सत्ता हासिल करने के लिए नहीं थी और उनका बीजेपी से कोई द्वेष नहीं है लेकिन उनकी हर कोशिका में आइडिया ऑफ इंडिाय बसता है. इसके अलावा उन्होंने उन हजारों भारतीयों को शुक्रिया भी कहा है जिन्होंने देश के अंदर से और विदेशों से उन्हें समर्थन के लिए पत्र लिखा है और कहा है कि वे कांग्रेस पार्टी के मूल्यों के लिए अपनी पूरी ताकत से लड़ते रहेंगे.