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राकेश टिकैत ने बजट पर दी प्रतिक्रिया, कहा किसान के साथ सरकार ने किया धोखा

Sakshi
1 Feb 2022 6:17 PM IST
राकेश टिकैत ने बजट पर दी प्रतिक्रिया, कहा किसान के साथ सरकार ने किया धोखा
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राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार ने किसानों को कोई राहत नहीं दी है, सरकार ने एमएसपी का बजट कम कर दिया है, इससे लगता है कि सरकार एमएसपी पर खरीदारी नहीं करना चाहती है...

केंद्र सरकार की ओर से आज संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया है| इस पर अब भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकत ने आज मंगलवार को संसद में पेश किए गए बजट को किसानों के साथ भारी धोखा बताया गया है। बता दें किराकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार ने किसानों को कोई राहत नहीं दी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने एमएसपी का बजट कम कर दिया है। इससे लगता है कि सरकार एमएसपी पर खरीदारी नहीं करना चाहती है।

बता दें कि राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, ''किसानों को #बजट2022 में सरकार ने दिया भारी धोखा। किसानों की दो गुनी आय करने, सम्मान निधि, 2 करोड़ रोजगार, एमएसपी, खाद - बीज, डीजल और कीटनाशक पर कोई राहत नहीं। एमएसपी पर फसल खरीद में बजट एलोकेशन से फसलों में होगा घाटा।''

इसके साथ ही बजट पर राकेश टिकैत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल साइट कू पर लिखा है कि ''आज बजट में मोदी सरकार ने MSP का बजट पिछले साल से काफी कम कर दिया। 2021-22 में MSP पर खरीदी का बजट 248000 करोड़ था जो 2022-23 के बजट में घट कर 237000 करोड़ रह गया,वह भी सिर्फ धान और गेहू की खरीदी के लिए। ऐसा लगता है सरकार दूसरे फसलों की MSP पर खरीदी करना ही नहीं चाहती है।

इससे पहले टिकैत ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि एमएसपी पर खरीद का लाभ किसानों को तब होगा जब एमएसपी गारंटी कानून बन जाएगा, जिससे सस्ते में कोई व्यापारी नहीं खरीद पाएगा। ये सस्ते में खरीदते हैं और सरकार को एमएसपी पर बेचते हैं। किसानों को पैसा डीबीटी के जरिए खाते में डाले जाने पर टिकैत ने कहा कि यूपी के रामपुर जिले में 11 हजार फर्जी किसान बनाए गए। ये फर्जी किसान के नाम पर पूरे देश में बेच लेंगे।

टिकैत ने कहा कि सब जगह फर्जीवाड़ा है। ये कंपनी से सिम खरीदते हैं, एक फोन करते हैं, उसका रजिस्ट्रेशन कराते हैं, और उन्हीं के खाते में पैसा जाएगा। एमएसपी गारंटी कानून बन जाएगा तो फर्जीवाड़ा रुक जाएगा, नहीं तो बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है एमएसपी के नाम पर। व्यापारी, अधिकारी और नेता ये सब मिले हुए हैं।''

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