- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
गलवान घाटी में शहीद लांसनायक दीपक सिंह की पत्नी ने अब लेफ्टिनेंट बनकर पूरा किया सपना, शादी के महज 15 महीने में हो गए थे शहीद
भारत-चीन सीमा पर 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में शहीद हुए बिहार रेजिमेंट के लांसनायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह ने लेफ्टिनेंट की परीक्षा पास कर ली है। एक साल ट्रेनिंग के बाद वो लेफ्टिनेंट पद पर योगदान देंगी। वीर चक्र से सम्मानित दीपक सिंह शादी के महज 15 महीने बाद ही इस हिंसक झड़प में शहीद हो गए और उनके परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा लेकिन पत्नी रेखा सिंह ने हिम्मत नहीं हारी। इसी का परिणाम है कि रेखा सिंह का अब लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया है।
रेखा सिंह आर्मी में जाने के अपने फैसले पर कहती हैं, 'यह मेरे पति का सपना था जिसने मुझे भारतीय सेना में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। मैंने शिक्षक की नौकरी छोड़कर सेना में अधिकारी बनने का मन बना लिया था। मैं 28 मई से चेन्नई में उसकी ट्रेनिंग शुरू करूंगी।' रेखा सिंह के लिए यह सफलता इतनी आसान नहीं थी उन्होंने इसके लिए नोएडा में जाकर भर्ती परीक्षा की तैयारियां की लेकिन पहले प्रय़ास में सफल नहीं हुईं। रेखा सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और फिर से तैयारी शुरू कर दी। अंतत: सफलता मिली और लेफ्टिनेंट के पद के लिए चयनित हो गई हैं।
बताते चले कि मध्यप्रदेश के रीवा के फरेंदा निवासी लांसनायक दीपक सिंह का मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों दीपक की पत्नी रेखा ने ही यह सम्मान ग्रहण किया था।
Madhya Pradesh | Rekha Singh, wife of Naik Deepak Singh who was killed in a skirmish with Chinese soldiers in June 2020, has fulfilled her husband's dream of becoming a lieutenant in the Indian Army. (07.05) pic.twitter.com/H1tXDjiXfl
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 8, 2022
बताते चले कि मात्र 30 साल की उम्र में दीपक सिंह ने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। वो बिहार रेजिमेंट में लांसनायक के पद पर कार्यरत थे। 15 जून 2020 को लद्दाक की गलवान घाटी में हुए संघर्ष में 20 जवान शहीद हुए थे। इस संघर्ष में भारतीय सैनिकों ने चीनी सेनाओं का जमकर मुकाबला किया था। भारतीय सेनाओं के संघर्ष को देखकर चीनी सैनिक उल्टे पांव भाग गए थे। इस घटना में चीन के भी दर्जनों सैनिकों की मौत हुई थी।
दूसरी तरफ रेखा ने पति की शहादत को याद करते हुए बताया कि शादी के बाद पहली बार होली के अवकाश पर घर आए थे। दीपक ने अपनी पत्नी के लिए कश्मीरी शॉल और लहंगा लाने का वादा किया था। शहीद होने से ठीक 15 दिन पूर्व ही दीपक सिंह ने अपने परिवार से फोन पर बात की थी। उसके बाद वह मां भारती की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। आज उनकी पत्नी रेखा ने जिस हौसले से सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया वो गौरवान्वित करने वाला है।