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रिपब्लिक डे पर किसानों की 100 किलोमीटर ट्रैक्टर रैली, 2 लाख से अधिक ट्रैक्टर होंगे शामिल, दिल्ली पुलिस ने दी इजाजत!
नई दिल्ली: किसानों का आंदोलन रविवार को 60वें दिन भी जारी है. सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता विफल होने के बाद अब किसान यूनियन अपने आंदोलन को तेज करने को लेकर पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार, किसान परेड की तैयारी में जुटे हैं.
किसानों की आज दिल्ली और एनसीआर की पुलिस के साथ मीटिंग हुई. इस बैठक में पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर रैली निकालने की बात मान ली. किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि अब हम दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. पुलिस अब हमें नहीं रोकेगी. उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग पांच रूटों से अपनी परेड निकालेंगे. परेड शांतिपूर्वक होगी.
ट्रैक्टर परेड निकलेगी
किसान नेताओं ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं किसान यूनियनों को 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दे दी है. हालांकि दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक किसानों को शर्तों के साथ सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है. सूत्रों के मुताबिक 26 जनवरी को पांच अलग-अलग मार्गों पर शांतिपूर्ण तरीके से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तक ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने की अनुमति दी गई. ट्रैक्टर ट्रॉलियों को झांकी के रूप में किसानों और खेती को दर्शाया जाएगा. ट्रैक्टर मार्च के बाद किसानों को राजधानी को छोड़ सीमावर्ती स्थानों पर वापस जाना होगा. पुलिस 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के लिए सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमा पर बैरिकेड्स हटाएगी.
किसान संगठन के नेताओं का दावा है कि 26 जनवरी की 'किसान परेड' में दो लाख से अधिक ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे. किसान संघ का कहना है कि लगभग 2,500 स्वयंसेवकों को वाहनों की आवाजाही की सुविधा के लिए तैनात किया जाएगा. कीर्ति किसान यूनियन के अध्यक्ष निर्भय सिंह धुडिके ने कहा कि रविवार को पंजाब से एक लाख से अधिक ट्रैक्टर आने की उम्मीद है.
किसानों के समूहों ने दावा किया है कि उन्हें गणतंत्र दिवस पर 100 किमी ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति मिल गई है, वहीं दिल्ली पुलिस ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता अभी भी अंतिम चरण में हैं. किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर शनिवार को दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ किसान संगठनों की बैठक के बाद किसानों और पुलिस की ओर से यह टिप्पणी की गई है.