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SC ने केंद्र सरकार से कहा, "कुछ हल निकालो", किसानों को भी दी नसीहत
नई दिल्ली: किसान पिछले 9 महीनों से दिल्ली की सीमाओं के पास केंद्र सरकार द्वार लाए गए तीन नए कृषि कानून को रद्द करवाने के लिए धरने पर बैठे है.केंद्र सरकार और किसान संगठनो के बीच 11 दौर की वार्ता भो हो चुकी है,जो बेनतीजा रही थी.किसानों के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट कई बार सुनवाई कर चूका है.यहा तक की SC ने किसानों के हल निकालने के लिए एक कमेटी का गठन भी किया था.
किसान आंदोलन के कारण बंद पड़ी सड़कों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर सुनवाई हुई.कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार इस समस्या का कोई हल निकाले।SC ने केंद्र सरकार से कहा कि आखिर अब तक सड़कें बंद क्यों हैं। प्रदर्शन करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन सड़कें ब्लॉक नहीं होनी चाहिए। नोएडा के एक शख्स की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और तीन संबंधित राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा कि वे समन्वय स्थापित करें और रोड ब्लॉक को खत्म कराने का प्रयास करें। अर्जी की सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा, 'समाधान केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों के हाथ में है। किसी भी कारण से सड़कों को बंद नहीं किया जाना चाहिए।' इस मसले के समाधान के लिए केंद्र सरकार को समय दिया जाता है। वह इस मसले का समाधान करे और हमें रिपोर्ट सौंपे।
अदालत ने केंद्र सरकार को एक तरफ समाधान तलाशने की सलाह दी तो वहीं किसान आंदोलन को लेकर भी नसीहत दी। कोर्ट ने कहा कि किसानों के पास आंदोलन का अधिकार है, लेकिन वे इसके लिए सड़कें नहीं बंद कर सकतीं। वे कहीं और भी आंदोलन कर सकते हैं।
याचिकाकर्ता मोनिका अग्रवाल ने मांग की थी कि नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कें किसान आंदोलन के चलते बंद हैं और इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन सड़कों को खोला जाना चाहिए।