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किसान आंदोलन का दिखने लगा सियासी अवतार? गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बनाई पार्टी, लड़ेंगे पंजाब चुनाव
दिल्ली की सरहदों पर साल भर चले किसान आंदोलन के समाप्त होने के कुछ समय बाद ही सियासी अवतार सामने आ गया. किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने शनिवार को राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया है. इस पार्टी का नाम 'संयुक्त संघर्ष पार्टी' रखा गया है. किसान नेता चढ़ूनी ने शनिवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया.
नई पार्टी के एलान के बाद गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि राजनीति प्रदूषित हो गई है. इसे बदलने की जरूरत है. पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाले नीति निर्माताओं, पूंजीपतियों के पक्ष में नीतियां बनाई जा रही हैं. आम आदमी, गरीबों के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. इसलिए हम अपनी नई पार्टी, 'संयुक्त संघर्ष पार्टी' लॉन्च कर रहे हैं.
किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी (Gurnam Singh Charuni) ने आगे कहा कि उनकी पार्टी पंजाब चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी. देश में पार्टियों की कमी नहीं है लेकिन आज देश में बदलाव की जरूरत है. इन पार्टियों ने राजनीति को व्यापार बना लिया है. राजनीति में बदलाव लाने के लिए राजनीति को शुद्ध करने के लिए हमने अपनी नई धर्मनिरपेक्ष पार्टी 'संयुक्त संघर्ष पार्टी' लॉन्च किया. कुछ राजनीतिक पार्टियों ने बिजनेस बना लिया है. पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसा बनाना इनका काम हो गया है.
इसके साथ ही किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी पूंजीवाद को लेकर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में 97 फीसदी लोगों की आमदनी घटी है. सिर्फ 3 फीसदी लोगों की आमदनी बढ़ी है. गरीब और गरीब होता गया और अमीर और अमीर होता जा रहा है. पूंजीवाद के हित के लिए ही नीति बनाए जा रहे हैं. आम आदमी के लिए नहीं. उन्होंने दावा किया कि उनकी 'संयुक्त संघर्ष पार्टी' धर्मनिरपेक्ष और जाति निरपेक्ष होगी.
संयुक्त संघर्ष पार्टी साल भर चले किसान आंदोलन के बाद अस्तित्व में आने वाला पहला राजनीतिक दल है. किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल पर आंदोलन किया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने इस कानून को वापस ले लिया था.
बता दें कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी संयुक्त किसान मोर्चा की उस 5 सदस्यीय समिति का हिस्सा थे, जिसे मोर्चा ने कृषि कानूनों पर मोदी सरकार के साथ बातचीत करने का अधिकार दिया था. इस समिति में युधवीर सिंह, अशोक धवले, बलबीर सिंह राजेवाल और शिव कुमार कक्का शामिल थे.