
Snake Venom: क्या है सांप के जहर का नशा? क्या यह हमेशा मौत देता है या नई जिंदगी भी दे सकता है? पढ़ें

Snake Venom: यूट्यूबर एल्विश यादव को रेव पार्टियों में सांप का जहर सप्लाई करने को लेकर गिरफ्तार किया गया है और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि सांप के जहर को नशे के तौर पर कैसे इस्तेमाल किया जाता है? क्या सांप के जहर का इस्तेमाल आपके लिए घातक है या यह आपके लिए फायदेमंद भी है? इस लेख में हम इन तमाम सवालों के जवाब जानेंगे.
सांप के जहर का सेवन करने से क्या होता है
जब कोई व्यक्ति नशे के तौर पर सांप के जहर का सेवन करता है तो शुरुआत में उसे तीव्र उत्तेजना होती है. शरीर में ऊर्जा बढ़ जाती है और व्यक्ति को एक सुखद अहसास होता है, लेकिन यह ऐहसास बहुत जल्द छूमंतर हो जाता है.
क्या सांप के जगह का सेवन करना हमेशा जानलेवा होता है?
नहीं. द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, केवल 25 प्रतिशत सांपों को ही घातक माना जा सकता है. यानी इन 25 प्रतिशत सांपों के जहर से ही इंसान की मौत होती है बाकी सांपों के जहर से नहीं.
क्या आपकी जिंदगी भी बचा सकता है सांप का जहर?
जी हां, यह बिल्कुल सत्य है. कुछ बीमारियों में सांप का जहर इंसान को नई जिंदगी दे सकता है. बीबीसी अर्थ को दिए एक इंटरव्यू में विषविज्ञानी डॉ. जॉल्टर टैकस ने खुलासा किया था कि हार्ट (दिल) से संबंधित बीमारियों में सांप के जहर से चमतकारिक परिणाम मिल सकते हैं.
उन्होंने बताया, 'सांप का जहर उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर में उपयोग की जाने वाली कुछ शीर्ष दवाओं के लिए टेम्पलेट के रूप में काम करता है.' टैकस ने आगे कहा कि दवाों के एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम (ACE) अवरोध वर्ग के स्रोत, जराराका पिट वाइपर सांप (बोथ्रोप्स जराराका) के जहर ने यकीनन मानव जाति के इतिहास में किसी भी अन्य जानवर की तुलना में अधिक जीवन बचाया है.
सांप के जहर ने बचाई हैं लाखों लोगों की जिंदगियां
वहीं न्यूज मेडिकल में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, डॉ. लिजी थॉमस ने खुलासा किया कि कैसे सांप का जहर चिकित्सा के इतिहास का हिस्सा रहा है और कैसे इसने इंसानों की जिंदगी बचायी है. उदाहरण के तौर पर थेरियक नाम की प्राचीन औषधि जो सांपों, जंगली जानवरों और पागल कुत्तों के काटने पर दवा के तौर पर उपयोग की जाती है वह सांप के जहर से ही बनाई गई थी. इस दवा का इस्तेमाल 18वीं शताब्दी के अंत तक होता रहा.
हार्ट फेल, किडनी फेल, शुगर...कई प्रकार की दवाइयों में होता है इस्तेमाल
वहीं कैप्टोप्रिल नाम की दवा, जिसका इस्तेमाल उच्च रक्तचाप और हृदय से संबंधित बीमारियों में किया जाता था, उसे ब्रिटिश फार्माकोलॉजिसट सर जॉन वेन ने ब्राजीलियन एरोहेड वाइपर (बोथ्रोप्स जराराका) से बनाया था. इसके बाद एनालाप्रिल नाम की एक दवाई की खोज की गई जिसका इस्तेमाल ना केवल हृदय से जुड़ी बीमारियों में बल्कि एडवांस शुगर मरीजों की किडनी फेलियर और पोस्ट-मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन हार्ट फेलियर के मरीजों को ठीक करने के लिए भी किया जाता था. इस दवा का निर्माण भी सांप के जहर से ही हुआ था.
चीन में सांप के जहर से बनाई जाती हैं दवाएं
इसके अलावा चीन में बोथ्रोप्स नामक सांप की प्रजाति के जहर से बनाई गई डिफाइब्रेज या रेप्टिलेज नामक दवा का इस्तेमाल प्लमोनरी एम्बोलिज्म और माइक्रोकार्डियल इंफ्रेक्शन में किया जाता है. इसके अलावा यह दवा बड़ी सर्जरी के बाद शरीर से निकलने वाले खून को रोकने में भी काम करती है. यानी कुछ सांप के जहर किसी भी इंसान को चंद सेकेंड में मार सकते हैं लेकिन कई सांप ऐसे भी हैं जिनका जहर इंसानों को नई जिंदगी दे रहा है.
