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केंद्र सरकार सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन्स की जारी, जानिए- अब क्या है नए बदलाव
नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने सोशल मीडिया कम्पनियों के लिए नियमों में बदलाव और इंटरमीडियरी जवाबदेही पर नए दिशा निर्देशों का एलान कर दिया है। साथ ही सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्मस के लिए भी नई गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन अब सरकार सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री को मंजूरी नहीं देगी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने देखा है कि लोग अब हिंसा फैलाने के लिए भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत चीजें परोसी जा रही है। सोशल मीडिया कंपनियों का स्वागत है, वो आएं और यहां बिजनेस करें, लेकिन गलत काम नहीं करने देंगे। हिंसा के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है। फेक न्यूज परोसी जा रही है। यही कारण है कि सरकार को यह गाइडलाइन तैयार करना पड़ी है। सोशल मीडिया को लेकर बहुत शिकायतें आ रही हैं। लड़के और लड़कियों के ऐसे फोटो दिखाए जा रहे हैं, जिन्हें हमारा समाज स्वीकार नहीं कर सकता है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों का बिज़नेस के लिए भारत में स्वागत है, सरकार आलोचना का स्वागत करती है पर सोशल मीडिया यूज़र्स को भी एक फ़ोरम मिलना चाहिए ताकि इसके गलत इस्तेमाल की शिकायतों का निपटारा टाइम बाउंड तरीके से करने के लिए ये कंपनियां बाध्य हों।
हर महीने देने होगी रिपोर्ट
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ऐलान किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अफसरों की तैनाती करनी होगी, किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा. प्लेटफॉर्म्स को भारत में अपने नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी. इसके अलावा हर महीने कितनी शिकायतों पर एक्शन हुआ, इसकी जानकारी देनी होगी. केंद्रीय मंत्री बोले कि अफवाह फैलाने वाला पहला व्यक्ति कौन है, उसकी जानकारी देनी जरूरी है. क्योंकि उसके बाद ही लगातार वो सोशल मीडिया पर फैलता रहता है. इसमें भारत की संप्रभुता, सुरक्षा, विदेशी संबंध, रेप जैसे अहम मसलों को शामिल किया जाएगा.
ओटीटी प्लेटफॉर्म/डिजिटल मीडिया के लिए गाइडलाइन्स
डिजिटल मीडिया के लिए गाइडलाइन्स जारी करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नियमों का पालन करना होता है, लेकिन OTT और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नियम नहीं हैं. हमने ओटीटी प्लेटफॉर्म को सेल्फ रेगुलेशन की बात कही थी, लेकिन वो नहीं हो पाया था. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म/डिजिटल मीडिया को अपने काम की जानकारी देनी होगी, वो कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं. इसके बाद सभी को सेल्फ रेगुलेशन को लागू करना होगा, इसके लिए एक बॉडी बनाई जाएगी जिसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति हेड करेंगे. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी.
भारत सरकार के मुताबिक़ देश में इस वक़्त
व्हॉट्सऐप यूज़र्स - 53 करोड़,
यूट्यूब यूज़र्स - 44.8 करोड़,
फ़ेसबुक यूज़र्स - 41 करोड़,
ट्विटर यूज़र्स - 1.75 करोड़,
और इंस्टाग्राम यूज़र्स - 21 करोड़ हैं।
(खबर अपडेट हो रही है....)