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किसान आंदोलन की चपेट में हिंसा को लेकर सोशलिस्ट युवजन सभा ने मांगा मोदी का इस्तीफा..
नरेन्द्र मोदी सरकार विभिन्न मोर्चों पर नाकाम रही है। एक तरफ किसान नौ महीने से दिल्ली को घेरकर दिल्ली की सीमा पर बैठे हैं और सरकार उनसे बात करने के बजाए, पुलिस से उनके ऊपर बेरहमी से लाठी चलवा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रेरित इस सरकार को चलाने वालों को लगता है कि वे जो सोचते हैं वही सही है और बाकी सब गलत। जबकि सबको समझ में आ रहा है किसानों के नाम पर जो कानून बनाए गए हैं वे अडाणी व अम्बानी जैसे पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए हैं। उनका किसानों की भलाई से कोई लेना देना नहीं है। जो सरकार अन्नदाता का सम्मान नहीं ंकर सकती, जिसकी मेहनत से हम सब जिंदा हैं, उसको सत्ता में बने रहने का एक पल भी और अधिकार नहीं है।
पेट्रोल, डीजल व खाने पकाने की गैस के दाम आसमान छू रहे हैं लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं। सरकार ने पहले तो कहा कि इन चीजों के दाम बाजार तय करेगा लेकिन विश्व बाजार में पेट्रोलियम के दाम घटने के बावजूद हमारे यहां बढ़ रहे हैं। यह समझ से परे है? जब सरकार ने बाजार पर छोड़ दिया है तो अब कर लगा कर इन उत्पादों के दाम बढ़ा क्यों रही है? इन उत्पादों के दाम बढ़ने से अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़ते हैं। महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है।
इसके ऊपर बेरोजगारी बढ़ गई है और लोगों के सामने जीने के बचे खुचे रास्ते भी बंद हो रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार सार्वजनिक उपक्रमों की परिसम्पत्तियों को बेचने में लगी हुई है। यह राष्ट्रवादी सरकार लोगों को भावनात्मक मुद्दों में उलझाकर देश बेच कर अपना उल्लू सीधा कर रही है।
कोरोना काल में विद्यालय बंद रहे। फिर भी अभिभावकों से विद्यालय पूरा शुल्क वसूल रहे हैं और सरकार किनारे खड़े तमाशा देख रही है। आॅनलाइन शिक्षा के नाम पर देश के वंचित तबकों के बच्चों को शिक्षा से ही वंचित कर दिया गया है।
महिलाओं की सुरक्षा का हाल यह है कि बलात्कार पीड़िता को सर्वोच्च न्यायालय के सामने अत्मदाह करना पड़ता है। मध्य प्रदेश में एक आदिवासी युवक को नीमच में गाड़ी से बांधकर घसीटकर मार डाला गया। भाजपा शासन में अमानवीय घटनाएं व हिंसा बढ़ गई हैं।
मजबूत देश की वकालत करने वाली यह सरकार विभाजनकारी राजनीति से देश को बांटकर कमजोर करने में लगी हुई है। यह अपने देश के दो राज्यों असम और मिजोरम के बीच संघर्ष को नहीं सम्भाल पा रही है।
ऐसे मे ंहम नरेन्द्र मोदी के इस्तीफे की मांग करते हैं।
स्रोत - मृणाल मठुरिया, मोहम्मद अहमद खान, गौरव सिंह, , राजीव यादव, उजैफ
सोशलिस्ट युवजन सभा