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Earthquake : फिर कांपी धरती, दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके
Earthquake : एक बार फिर धरती कांपने की खबर सामने आ रही है. दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के एक बार फिर झटके महसूस हुए हैं. जिसके बाद लोग घरों और ऑफिस से बाहर निकल आये. रिक्टर स्केल पर तीव्रता क्या है इसकी खबर अभी सामने नहीं आई है. भूकंप के तेज झटके. 4 बजकर 18 मिनट पर भूकंप आया है.
हालिया आंकड़ों की मानें तो बीते चार दिनों में दूसरी बार धरती हिली है. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई. जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र भी नेपाल ही था.
भूकंप के दौरान क्या करें
भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिष्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।
यदि आप घर के अंदर हों
आप यदि घर के अंदर हों तो जमीन पर झुक जाए, किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे षरण लें अथवा तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं।
किसी आंतरिक दरवाजे के लिन्टॅल (लेंटर), किसी कमरे के कोने में, किसी मेज अथवा यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाएं।
षीषे, खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें अथवा ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर), से दूर रहें।
भूकंप के षुरू होने पर, यदि आप उस समय पलंग पर हांे तो पलंग पर ही रहें। अपने सिर पर किसी तकिए को ढककर बचाएं जब तक कि आप किसी भारी लाइट फिक्सचर जो गिर सकती हो, के नीचे न आएं। यदि ऐसी स्थिति हो तो पास के किसी सुरक्षित स्थान की ओर खिसक जाएं।
षरण लेने के लिए तभी ऐसे किसी दरवाजे से निकलकर बाहर जाएं जब वह आपके निकट हो और आप जानते हों कि ये किसी सषक्त सहारे (सपोर्ट) वाला है या यह सषक्त और वजन को झेल सकने वाला दरवाजा है।
जब तक भूकंप के झटके न रुके तथा बाहर जाना सुरक्षित न हो तब तक अंदर रुके रहंे। अनुसंधान से यह पता चला है कि ज्यादातर चोटें तब लगती है जब भवन के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह अथवा बाहर जाने का प्रयास करते हैं।
ध्यान रखें कि बिजली कभी भी जा सकती है अथवा स्प्रिंकलर सिस्टम अथवा चेतावनी वाले फायर अलार्म कभी भी चालू हो/बज हो सकते हैं।
यदि आप घर के बाहर हों
यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। तथापि बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें।
यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांष दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं।