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स्टडी में दावा- मई के पहले हफ्ते के बाद 33 से 35 लाख होंगे एक्टिव केस, थम जाएगा कोरोना का पीक
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से तबाही जारी है. हर दिन 3 लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं. कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बीच वैक्सीनेशन और टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है. इस बीच कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना का पीक जल्द आने वाला है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मई के पहले ही हफ्ते में कोरोना का पीक आएगा और मामले कम होने लगेंगे.
आईआईटी कानपुर ने पिछले 7 दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर एक मैथमेटिकल स्टडी की है. इस स्टडी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि मई के पहले हफ्ते में कोरोना वायरस पीक पर होगा और फिर उसकी रफ्तार घटने लगेगी. IIT प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल के मुताबिक यह स्टडी गणित विज्ञान के आधार पर की गई है. उन्होंने बताया कि भारत की पीक अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में आएगी. उसके बाद केस कम होंगे. यह ग्राफ उन्होंने पिछले साल फैले संक्रमण को आधार बनाकर तैयार किया है.
उनका मानना है कि यह कोरोना वायरस सात दिन तक अधिक प्रभावी रहेगा. देश के जिन राज्यों में कोरोना वायरस ज्यादा घातक है वहां के केस और वायरस का अध्ययन करते हुए डेट के अनुसार ग्राफ तैयार किया है. हर राज्य के लिए अलग-अलग ग्राफ तैयार करते हुए कोरोना का पीक टाइम बताया है. गणितीय मॉडल के जरिए कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस पर जो अध्ययन किया है, उसके मुताबिक 15 मई के आसपास कोरोना के एक्टिव केस 33 से 35 लाख के करीब पहुंच जाएंगे.
कहां पहुंचेगा कोरोना का आंकड़ा?
इस सवाल के जवाब में आईआईटी की स्टडी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 35000 केस रोजाना आ सकते हैं. दिल्ली में यह संख्या 30000 प्रतिदिन हो सकती है. पश्चिम बंगाल में 11000, राजस्थान में 10000 और बिहार में 9000 प्रतिदिन के हिसाब से कोरोना वायरस केस देखे जा सकते हैं.
महाराष्ट्र में पीक पर कोरोना
कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर की गई इस स्टडी में वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस अब पीक पकड़ चुका है. 30 अप्रैल आते-आते उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल में भी कोरोना अपने चरम पर होगा और फिर घटने लगेगा.
अब तक 1.79 करोड़ लोग संक्रमित
स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा जानकारी के मुताबिक, कोरोना से अब तक 1.79 करोड़ लोग संक्रमित हो गए हैं. इस वायरस के संक्रमण से अब तक 2.01 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1.48 करोड़ लोग रिकवर होकर घर लौटे हैं. देश में अब एक्टिव मरीजों की कुल संख्या 29 लाख 72 हजार 106 हो गई है. यानी इतनी संख्या में मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं.