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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, हाईकोर्ट की इजाजत के बिना वापस नहीं लिया जाएगा MP-MLA के खिलाफ दर्ज मुकदमा
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमा संबंधित हाईकोर्ट की मंजूरी के बिना वापस नहीं जाएगा. साथ ही कोर्ट ने विशेष MP-MLA और कोर्ट के सभी जजों को अगले आदेश तक सेवा में रहने का भी आदेश दिया. CJI एनवी रमना के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि राज्य सेक्शन 321 के तहत मिली ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने मुजफ्फरनगर दंगे मामले में संगीत सोम, सुरेश राणा, कपिल देव, साध्वी प्राची का केस वापस ले लिया है. जिस पर हैरानी जताते हुए SC ने कहा कि कुछ राज्य केस को वापस भी ले रहे हैं. एमिकस क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य विधायकों सांसदों के खिलाफ दर्ज केस सेक्शन 321 वपास ले रहे हैं. एमिकस क्यूरी ने सुझाव दिया कि बिना हाईकोर्ट की इजाज़त के विधायकों और सांसदों के केस वापस न लिया जाए.
सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों में तेजी से सुनवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले में ED की स्टेट्स रिपोर्ट पर असंतुष्टि जताते हुए कहा कि केवल कागजों का जखीरा है, कोई फॉर्मेंट में नही है, इसमें पूरी जानकारी भी नही दी गई है. मुख्य न्यायाधीश ने ED की स्टेट्स रिपोर्ट पेपर में छपने पर नाराजगी जताई कहा कि आज हमने पेपर में रिपोर्ट पढ़ा. सब मीडिया को पहले मिल जाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जाहिर की
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जाहिर की कोर्ट ने कहा आपने कुछ नही किया. मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि जब यह मामला शुरू हुआ तो हमें आश्वस्त किया गया कि सरकार इस मुद्दे को लेकर बहुत गंभीर है और कुछ करना चाहती है, लेकिन कुछ नहीं हुआ है. कोई प्रगति नहीं. जब आप स्थिति रिपोर्ट दर्ज करने से भी कतराते हैं, तो आप हमसे क्या कहने की उम्मीद कर सकते हैं?
CBI ने नहीं जाहिर की स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है? सभी मामलों का स्टेटस हम केवल अखबारों में पढ़ते हैं. प्रतियां हमें प्रस्तुत नहीं की जाती हैं. हमें एक शाम पहले प्रतियां मिलती हैं. हम कुछ नहीं जानते. CBI की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि CBI ने इस मामले में अभी स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल नही की है. स्टेस्ट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया.