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ट्रैक्टर मार्च हिंसा से जुड़ी याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार, कहा – हमारे हस्तक्षेप की जरूरत नहीं
किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा (Supreme Court on Red Fort Violence) के संबंध में दाखिल एक याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यहां उनके हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है क्योंकि जांच चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका आई थी जिसमें मीडिया को किसान आंदोलन के संबंध में निर्देश देने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने आज ट्रैक्टर मार्च हिंसा से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया. सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि मामले में अभी हमारे हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है, हम याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे. CJI ने कहा कि जांच का नतीजा एक तरफा निकलेगा ऐसा सोचना सही नहीं है. सीजेआई ने कहा कि सरकार जांच कर रही है. हमने पीएम का बयान भी सुना है तो आप सरकार के पास रिप्रेंजनटेशन दें. सीजेआई ने कहा कि सरकार जांच कर रही है आप उसके पास जाएं. इसके बाद याचिकाकर्ताओं को याचिका वापस लेने कि मंजूरी प्रदान की.
इसके अलावा दूसरी याचिका में कहा गया गया था कि सुप्रीम कोर्ट मीडिया को निर्देश दे कि वह बिना किसी सबूत के किसानों को कथित रूप से आतंकी ना बताए. इस याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
ट्रैक्टर मार्च हिंसा में घायल हुए थे 394 पुलिसवाले
26 जनवरी को हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए थे और 30 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचा था. दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा में घायल हुए अपने कर्मियों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा करते हुए ज्यादा गंभीर रूप से घायलों को 25-25 हजार और गंभीर रूप से घायलों को 10-10 हजार रुपये देने की बात कही है.