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हैदराबाद एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यीय जांच आयोग का किया गठन, कहा- सभी को सचाई जानने का हक

Special Coverage News
12 Dec 2019 6:58 AM GMT
हैदराबाद एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यीय जांच आयोग का किया गठन, कहा- सभी को सचाई जानने का हक
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इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया पर इस मामले में किसी भी तरह की खबर प्रकाशित और प्रसारित करने पर रोक लगाई।

हैदराबाद एनकाउंटर (hyderabad encounter) केस पर सुप्रीम कोर्ट (SC) में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है। हम इस मामले में निष्पक्ष जांच चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया पर इस मामले में किसी भी तरह की खबर प्रकाशित और प्रसारित करने पर रोक लगाई।

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने रिटायर जज वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग में बॉम्बे हाई कोर्ट की रिटायर जज रेखा बलदोटा और सीबीआई के पूर्व निदेशक कार्तिकेयन शामिल हैं। यह जांच आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। फाइनल ऑर्डर आने तक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर रोक बरकरार रहेगी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने तेलंगाना पुलिस से पूछा कि क्या आरोपी हिस्ट्रीशीटर थे। इस पर तेलंगाना पुलिस की ओर से दलील रख रहे वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि नहीं वो लॉरी ड्राइवर और क्लिनर थे। जब पुलिस आरोपियों को इलाके की पहचान के लिए ले जाना चाहती थी, तो थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए। सैकड़ों की भीड़ थी। इसलिए हम उन्हें रात में क्राइम सीन पर ले गए। आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगाई गई थी। उन्होंने पुलिस कर्मियों की पिस्तौल छीन ली। पुलिस पर पत्थर फेंके।

इसके बाद चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने पूछा कि चारों आरोपियों ने पुलिस वालों पर पहले हमला किया था? उन्होंने पुलिस वालों से जो पिस्तौल छीनी थी, उससे उनपर फायर किया था? इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जी हां, उन्होंने फायर किया, लेकिन गोली पुलिस वालों को लगी नहीं।

मुकुल रोहतगी ने PUCL मामले में सुप्रीम कोर्ट एक फैसले को पढ़ना शुरू किया, जिसमें कोर्ट ने एनकाउंटर को लेकर गाइड लाइन बनाई थी। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस एनकाउंटर के जांच के पक्ष में हैं। हम चाहते हैं कि इस एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच हो।

वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जांच का नतीजा आने दें, तभी कौन ज़िम्मेदार है? इसका फैसला होगा। पुलिस ने FIR दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिसकर्मियों के हथियार छीन कर उनकी हत्या का प्रयास किया। प्रोक्सिक्यूशन के पास कोई गवाह नहीं तो ये कैसा ट्रायल होगा।

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