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Menstrual Leave: पीरियड्स लीव की मांग वाली याचिका SC से खारिज, जानें- देश का इकलौता राज्य जहां मिलती है छुट्टी
Menstrual Leave: सरकार, गैर सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाली महिलाओं और छात्राओं से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। दरअसल, महिलाओं और छात्राओं के मासिक धर्म के दौरान लीव देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी।
जनहित याचिका में सभी राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वे छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान छुट्टी के लिए नियम बनाएं। दिल्ली निवासी शैलेंद्र मणि त्रिपाठी की ओर से ये जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 14 के अनुपालन के लिए केंद्र और सभी राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने कहा- ये नीतिगत मामला
याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर आप नियोक्ताओं को मासिक धर्म के दौरान पेड लीव देने के लिए बाध्य करते हैं, तो यह उन्हें महिलाओं को काम पर रखने से हतोत्साहित कर सकता है। साथ ही, यह स्पष्ट रूप से एक नीतिगत मामला है, इसलिए, हम इससे नहीं निपट रहे हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि न केवल यह मामला एक नीतिगत निर्णय के दायरे में है, बल्कि इस तरह का एक निर्देश संभावित महिला कर्मचारियों को नौकरियों पर रखने से रोक सकता है। कोर्ट ने कहा कि उचित ये होगा कि याचिकाकर्ता महिला और बाल विकास मंत्रालय से संपर्क करे। बता दें कि पीठ में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल थे।
Supreme Court disposed of the plea seeking state govts to frame rules for menstrual leave for female students and working-class women at their respective educational institutions and workplaces; asked the petitioner to give representation to the Centre on the plea. pic.twitter.com/qV3ZGikzLZ
— ANI (@ANI) February 24, 2023
इन देशों में पीरियड्स के दौरान मिलती है छुट्टी
दायर याचिका में कहा गया था कि यूनाइटेड किंगडम, चीन, वेल्स, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया जैसे देशों में पीरियड्स लीव दी जा रही है। कहा गया था कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं और छात्राओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।
इस दौरान कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनको पीरियड्स लीव दिए जाने के संबंध में आदेश पारित करना चाहिए। याचिका में 1961 के अधिनियम का भी हवाला देते हुए कहा गया था कि यह महिलाओं के सामने आने वाली करीब-करीब सभी समस्याओं के लिए प्रावधान करता है।
बिहार देश का इकलौता राज्य जहां मिलती है छुट्टी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार देश का इकलौता राज्य है जहां महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दो दिन की छुट्टी मिलती है। हाल ही में कोचीन स्थित त्रिपुनिथुरा में सरकारी गर्ल्स स्कूल ने छात्रों को उनकी वार्षिक परीक्षा के समय 'पीरियड लीव' लेने की अनुमति दी थी।