
सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सांसद और विधायक कोर्ट में बतौर वकील कर सकते हैं प्रैक्टिस

नई दिल्ली : अब सांसद और विधायक कोर्ट में बतौर वकील प्रैक्टिस कर सकते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है। आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई को इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम जनप्रतिनिधियों के वकीलों के तौर पर प्रैक्टिस करने पर रोक नहीं लगाते हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के अनुसार शीर्ष अदालत बीजेपी नेता एवं वकील अश्चिनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें पेशे से वकील जनप्रतिनिधियों (सांसद, विधायकों और पार्षदों) के कार्यकाल के दौरान अदालत में प्रैक्टिस करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सासंदों, विधायकों को बतौर वक़ील कोर्ट में प्रैक्टिस करने से रोक की मांग की है। अश्विनी उपाध्याय की याचिका के मुताबिक बार काउंसिल के विधान और नियमावली के मुताबिक कहीं से वेतन पाने वाला कोई भी व्यक्ति वकालत नहीं कर सकता। क्योंकि वकालत पूर्णकालिक पेशा है। ऐसे में सांसद और विधायक जब सरकारी खजाने से वेतन और भत्ते लेते हैं तो कोर्ट में प्रैक्टिस कैसे कर रहे हैं?