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Yasin Malik : यासीन मलिक को फांसी या उम्रकैद : टेरर फंडिंग केस में आज सुनाई जाएगी सज़ा

Arun Mishra
25 May 2022 10:43 AM IST
Yasin Malik : यासीन मलिक को फांसी या उम्रकैद : टेरर फंडिंग केस में आज सुनाई जाएगी सज़ा
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कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पहले ही अदालत ने दोषी करार दे दिया था.

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट आज आतंकी यासीन मलिक को फंडिंग के मामले में सजा सुना सकती है. कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पहले ही अदालत ने दोषी करार दे दिया था. मलिक को कम से कम उम्रकैद और अधिकतम सजा ए मौत हो सकती है. इसके अलावा अदालत जुर्माना भी लगा सकती है. एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों में दोषी ठहराया था.

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मलिक ने आतंकवाद के वित्त पोषण के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिये थे. इसमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत आरोप भी शामिल हैं.

विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया था और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने को कहा था, ताकि उस पर लगाये जा सकने वाले जुर्माने को निर्धारित किया जा सके. यासीन मलिक को अधिकतम सजा के तौर पर मृत्युदंड, जबकि न्यूनतम सजा के तौर पर उम्र कैद सुनाई जा सकती है।

क्या हैं आरोप?

यूएपीए के तहत कई मामले दर्ज. धारा 16 आतंकवादी गतिविधि. धारा 17 आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाना. धारा 18 आतंकवादी कृत्य की साजिश रचना. धारा 20 आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना. भारतीय दंड संहिता

धारा 120-बी आपराधिक साजिश. धारा 124-ए देशद्रोह. साल 2017 की हिंसा से जुड़ा है मामला. आतंकी बुरहान की मुठभेड़ में मौत के बाद साल 2016-2017 में कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ी थीं. इसके बाद जांच एजेंसी एनआईए ने यासीन मलिक और अन्य अलगाववादियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था.

ये हैं आरोपी

फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर सहित अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेता. आरोप पत्र में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का भी नाम था, जिन्हें मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है. यासीन मलिक सजा को लेकर उनकी पत्नी मुशाल ने पाकिस्तान में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.

यासीन पर सख्त गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोप भी शामिल हैं. यासीन पर जो धाराएं हैं, उनमें अधिकतम सजा मृत्युदंड या फिर आजीवन कारावास है. पिछली सुनवाई में यासीन ने अपने वकील को वापस ले लिया था. उसने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था.

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