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यूपी के इस आईपीएस अधिकारी ने सुशांत सिंह राजपूत के परिजनों द्वारा दर्ज FIR रिपोर्ट पर किये सवाल
देश में इस समय सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर हडकम्प मचा हुआ. जहाँ उनके परिजन सीबीआई से जांच की बात कर रहे है तो पूरी बिहार की बीजेपी भी इस जांच की बात कर रही है. ताकि राजनैतिक माहौल बिहार में बने. जिस केस को लेकर बिहार सरकार का कोई लेना देना नहीं है उस केस को लेकर अपना मंतव्य भी दे रही है. गृह मंत्री को सीबीआई जाँच कराने के लिए पत्र भी लिख चुकी है.
जबकि इस केस की पटना में दर्ज रिपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के आईजी रेंक के अधिकारी और आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने सवाल उठाये है. हालांकि अमिताभ ठाकुर भी बिहार के मूल निवासी है. उन्होंने कहा है कि सुशांत सिंह के पिता द्वारा पटना में दर्ज FIR की कॉपी जिसमे प्रथमद्रष्टया समस्त घटना मुंबई, बहुत थोड़ी घटना दिल्ली/हरियाणा व पटना की कोई घटना नहीं दिखती है. CrPC के Chapter XIII Jurisdiction Of Criminal Courts In Inquiries And Trials की धारा 177 से 184 विवेचना/ट्रायल आदि विषयक है.
उन्होंने कहा है कि CrPC की उक्त धारा 177 से 184 व इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के अनुसार इस मामले में पटना में जीरो FIR होना तो सही दिखता है, पर मेरी समझ के अनुसार पटना पुलिस को यह FIR मुंबई भेजनी चाहिए थी, क़ानूनी रूप से उसे इसकी विवेचना का विधिक अधिकार नहीं दिखता है और प्रथमद्रष्टया CrPC में दिए गए विधिक अधिकारों का व्यतिक्रम प्रतीत होता है.पु
बता दें कि इस हिसाब से बिहार पुलिस तो इस केस की जांच नहीं कर सकती है जबकि इस केस की जीरो रिपोर्ट दर्ज कर मुंबई पुलिस को जांच के लिए लिख सकते है. जबकि यह केस अब दोनों तरफ से राजनैतिक बनता जा रहा है बिहार सरकार के मुताबिक यह केस उनके लिए आने वाले चुनाव में कोई बड़ा फायदा कर सकता है. क्योंकि सुशांत सिंह ने आत्महत्या क्यों की इसकी किसी को उनके बाप और बहिनों के अलावा किसी को नहीं है. अब चूँकि धीरे धीरे उनेक पैसे और लेनदेन के मामले सामने आ रहे है जो चिंता का विषय है. फिलहाल बिहार पुलिस के आईपीएस अधिकारी और पटना सिटी एसपी विनय तिवारी मुंबई पहुँच गए है. उन्हें वहां नियमानुसार होम कोरोंटाइन कर दिया है.