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सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की तीन सदस्यीय पैनल में श्री श्री रविशंकर को किस हैसियत से शामिल किया गया है?

Special Coverage News
8 March 2019 6:25 PM IST
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की तीन सदस्यीय पैनल में श्री श्री रविशंकर को किस हैसियत से शामिल किया गया है?
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गिरीश मालवीय

यह सवाल पूछा जाना बहुत आवश्यक हैं कि अयोध्या मसले के हल के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की तीन सदस्यीय पैनल में डबल श्री रविशंकर को किस हैसियत से शामिल किया गया है?

यही रविशंकर है जो कहते थे कि 'किसान अध्यात्म की कमी की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं' इन्हीं रविशंकर पर नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने 2016 में दिल्ली में यमुना को हुए नुकसान के लिए पांच करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था. NGT ने उस वक्त कहा था कि उनके कार्यक्रम से दिल्ली के पास यमुना के पारिस्थितिकी तंत्र में आमूल चूल बदलाव आया है

यही डबल श्री रविशंकर 4 नवंबर 2018 को कहते हैं मुसलमान अयोध्या पर अपना दावा नहीं छोड़ते हैं तो भारत सीरिया बन जाएगा यह किस तरह से एक मध्यस्थता करने वाले का बयान माना जाए? डबल श्री की कुल संपत्ति 1000 करोड़ रुपये है.नवंबर 2017 में रामदेव की तरह ही 'श्री श्री तत्वा' ब्रांड नाम से रिटेल बाजार में एंट्री करने की बात कर अगले दो सालों में 1000 फ्रेंचाइजी स्टोर खोलने की बात कही थी

डबल श्री रविशंकर प्रचार के किस किस्म के भूखे शख्स है यह इस बात से पता चलता है कि इन्होंने कश्मीर के आतंकवादी बुरहान वाणी के पिता को कथित रूप से अपने शिविर में आमंत्रित किया , जबकी बुरहान वाणी के पिता की विचारधारा की उन्हें अच्छी तरह से जानकारी थी, ओर उसे बुलाकर मीडिया के सामने खूब फोटो खिंचवाए रविशंकर के हवाले से यह मीडिया में यह खबर चलवाई गयी कि बुरहान वाणी के पिता के साथ बेंगलोर आश्रम में दो दिनो तक कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर गहन विमर्श किया गया, लेकिन "जनसत्ता" ने उनकी पोल खोल दी ..........बुरहान के पिता ने जनसत्ता के पत्रकार से स्पष्ट कहा दिया कि, वह निजी कार्य से बेंगलोर आये थे और सिर्फ आधे घण्टे के लिए रविशंकर के आश्रम पर गए थे,और फोटो खिंचाने का आग्रह रविशंकर का था, एवं किसी तरह की चर्चा नहीं हुई,................

राम मंदिर आंदोलन से जुड़े साधू संत महंत ओर बाबरी मस्जिद की तरफ से मुकदमा लड़ने वाले मुसलमान उन्हें बिल्कुल पसंद नही करते, अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि पहले भी कह चुके हैं कि श्री श्री कोई संत नहीं हैं। वो गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) चलाते हैं

वैसे भी डबल श्री ने अपनी शुरुआत में कुख्यात महेश योगी के सानिध्य में बरसो गुजार , और उनके उभार में कुछ पत्रकारों और कारपोरेट का गठबंधन महत्वपूर्ण रहा है,............कुछ समय पहले उनके आश्रम में गोलीचालन हो चूका है, और उनका आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम कई देशों में विवादों के घेरे में हैं, ………..

मोदी सरकार से वह पहले भी लाभान्वित हो चुके हैं योग दिवस पर योग शिविर केंद्र के नाम पर श्री श्री रविशंकर की संस्था व्यक्ति विकास केंद्र को 69 शिविर का ठेका मिला था. आखिरकार कोर्ट ने कौन से क्राइटेरिया के तहत इस तथाकथित संत को देश के सबसे महत्वपूर्ण मामले में मध्यस्थता करने के लिए सिलेक्ट किया है?

लेखक वरिष्ठ पत्रकार और आर्थिक मामलों के जानकार है

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